- आर्थिक रूप से कमजोर पिता ने चाइल्डलाइन के हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर मांगी थी मदद
- चाइल्डलाइन ने जिला प्रशासन को लिखा था पत्र, लेकिन प्रशासन की ओर से नहीं की गयी कोई पहल, न ही मिली मदद
- शहर के लोगों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, कैंपस बूम करता है सभी का आभार
जमशेदपुर.
अगर आपके मन में किसी की मदद करने की इमानदार इच्छा हो, तो एक छोटी सी पहल ही काफी होती है. आपकी छोटे कदम के साथ लोग जुड़ते चले जाते हैं. एक ऐसी ही छोटी कोशिश कैंपस बूम ने दो दिन पूर्व यानी शुक्रवार को किया जिसका सुखद परिणाम 48 घंटे के अंदर ही मिल गया. टाटा मोटर्स अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में इलाजरत एक 13 वर्षीय बच्चे और आर्थिक रूप से कमजोर पिता की मजबूरी को बगैर उनके नाम व पहचान के मदद दिलाने की सोच के साथ खबर कैंपस बूम पोर्टल पर पोस्ट किया गया था. खबर पोस्ट करने के चंद मिनट में ही कैंपस बूम के फोन नंबर पर लोग मदद करने के लिए संपर्क करने लगे. इसमें सबसे आगे आजसू के जिला प्रवक्ता व समाजसेवी अप्पू तिवारी और जिला भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अंकित आनंद खुल कर सामने आये इन लोगों ने न केवल खुद से मदद की, बल्कि खबर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर मजबूर पिता को आर्थिक मदद करने के लिए धनराशि जमा कर ली. कुछ लोगों ने पिता के गुगल पे नंबर पर सीधे रुपये भेज कर उनकी मदद की. ये छोटे छोटे रकम उस पिता के लिए एक बड़े सहयोग के रूप में काम आया. जमशेदपुर बार एसोसिएशन के महासचिव वरीय अधिवक्ता अनिल तिवारी ने 50 हजार रुपये देकर मदद की.
टाटा मोटर्स का बिल जमा कराया, भेजा गया पटना :
मासूम को रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. अस्पताल का बिल 47 हजार रुपये था जिसे पिता देने में अक्षम थे. अप्पू तिवारी और अंकित आनंद, राजेश झा, अरुण शुक्ला उनकी टीम द्वारा एकत्रित की गयी धनराशि अस्पताल में जमा कर बच्चे को रिलीज कराया गया. वहीं एंबुलेंस से सड़क मार्ग से बच्चे को माता पिता पटना एम्स अस्पताल लेकर रवाना हो गये. वहीं पटना जाने के पूर्व जमशेदपुर बार एसोसिएशन के महासचिव अनिल तिवारी ने पिता को 50 हजार रुपये आर्थिक मदद कर पटना के लिए विदा किया. इस मदद से पिता की आंखे भर आयी. अब पिता बच्चे के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की सभी से दुआ चाहते हैं.
ये है मामला :
मालूम हो कि सिदगोड़ा के रहने वाले एक परिवार के 13 वर्षि मासूम के पेट में नौ मई को साइकिल चलाने के दौरान चोट लग गयी थी. परिवार वाले उसे आदित्यपुर ईएसआई अस्पताल लेकर गये थे, लेकिन वहां स्थिति बिगड़ने पर रिम्स रेफर किया गया. पिता त्वरित व बेहतर इलाज के लिए बेटे को टाटा मोटर्स अस्पताल में 15 मई को एडमिट करवा दिये. डॉक्टरों ने बताया कि आंत में गंभीर चोट है, ऑपरेशन करना होगा. 20 मई को टाटा मोटर्स अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया. 29 मई को बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उसी रात फिर पेट में तेज दर्द होने लगा. परिवार वाले वापस टाटा मोटर्स अस्पताल लेकन पहुंचे, जहां बच्चे को एडमिट कर लिया गया. पिता के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की दोनों आंत सट गयी थी जिसका दोबारा ऑपरेशन करना होगा. पांच जून को फिर से बच्चे का ऑपरेशन डॉक्टरों ने किया. ऑपरेशन के बाद से बच्चे की सेहत में लगातार गिरावट देखी गयी. अब टाटा मोटर्स के डॉक्टर भी हाथ खड़ा करते हुए बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह पिता को दे दिये. इसी बीच पिता पर बकाया बिल जमा करने का भी दबाव बनने लगा. पिता ने बताया कि वे पूर्व सीएम रघुवर दास, विधायक सरयू राय से भी मदद की गुहार लगाये, लेकिन कहीं से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली. मजबूर पिता ने चाइल्डलाइन के हेल्पलाइन नंबर 1098 में कॉल कर पूरी बात बतायी. चाइल्डलाइन जमशेदपुर की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए सात जून को जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, उपायुक्त और सिविल सर्जन को पत्राचार करते हुए मदद की गुहार लगायी. लेकिन परिणाम शून्य रहा. प्रशासन की ओर से पत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, न ही कोई पहल की गयी.
कैंपस बूम के पास मामला पहुंचते ही शुरू किया गया मिशन हेल्प
कैंपस बूम को जानकारी मिलते ही मिशन हेल्प शुरू किया गया. लेकिन समस्या थी कि पिता मदद तो चाहते थे, लेकिन स्वभिमानी थे वे नहीं चाहते थे कि उनकी तस्वीर छपे या नाम आये. कहने लगे कि वे मेहनत करने वाले व्यक्ति हैं, कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया है. ठीक नहीं लग रहा है. कैंपस बूम की टीम ने भी यह तय किया कि इस मजबूर पिता और मासूम के बेहतर इलाज के लिए मदद किसी भी हाल में की जायेगी. खबर को बगैर नाम, पते के पोस्ट किया गया. और लोगों से अपील की गयी कि इस पिता की मदद के लिए सीधे संपर्क करने के लिए कैंपस बूम के नंबर पर कॉल करे. मदद के लिए कैंपस बूम को लगातार फोन आने लगे. कैंपस बूम की ओर से सीधे पिता का नंबर मददगारों को मुहैया कराया गया. कैंपस बूम एक बार फिर से शहरवासियों के इस दरियादिली और इंसानियत को जिंदा रखने का परिचय देने के लिए आभार प्रकट करता है. आप सभी और हम भी ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मासूम जल्द से जल्द स्वस्थ्य होकर अपने सामान्य जीवन में वापस लौटे.