नवरात्रि विशेष : प्रभात बेला घर – घर में मैं, स्वच्छ मंगल करती चलूं, नर – नारी के आंगन पुष्पित, नैतिकता बनकर के मिलूं
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. मैं परिचारिका तेरे जग की सरल सुरम्य सौरभमय,सृष्टि सृजित…
स्वर्णिम भारत का भाल, सदा विश्व में लहराता है, सुरपुर है बसता जहां वह, अतुल्य भारत कहलाता है
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. रानी दुर्गावती जी जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. भारत…
कविता : इश्क की सारी रवायतों को दिल से निभाओ, पर इश्क है ये ना बतलाओ……
राजीव दुबे, जमशेदपुर. मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,…
कविता : मुखौटा मुस्कान का मुख पर, सहज ही सजाती रही, मैं अश्रुपूरित नैनों में डूब कर, जिंदगी को ही नहाती रही…..
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. तलाश जिंदगी की जारी है…. बहुत बेखबर है जिंदगी,पर…
पढ़िए आज कविता : “वज़ूद क्या सस्ता दिया गया”
अजय मुस्कान, जमशेदपुर. वज़ूद क्या सस्ता दिया गया….!!” पूछो न कितनी बार…
कैंपस बूम के इन दो कॉलम से जुड़ने का मौका, अपनी लिखी कविता, कहानी, लेख, विचार भेजे, हम देंगे जगह
जमशेदपुर. कैंपस बूम झारखंड का पहला एजुकेशनल न्यूज पोर्टल है. यह एक…
लघु कथा : मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती – बिल्कुल नहीं
जमशेदपुर. मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती - बिलकुल नहीं, मैं कल…
लोग विवश है किस कारण से उनको बारंबर लिखूं ,आंसू के सागर में जीकर कैसे मैं श्रंगार लिखूं…..
जमशेदपुर. जमशेदपुर के बारीडीह स्थित विजया गार्डन में जनवादी लेखक संघ, सिंहभूम…