नवरात्रि विशेष : प्रभात बेला घर – घर में मैं, स्वच्छ मंगल करती चलूं, नर – नारी के आंगन पुष्पित, नैतिकता बनकर के मिलूं
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. मैं परिचारिका तेरे जग की सरल सुरम्य सौरभमय,सृष्टि सृजित…
स्वर्णिम भारत का भाल, सदा विश्व में लहराता है, सुरपुर है बसता जहां वह, अतुल्य भारत कहलाता है
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. रानी दुर्गावती जी जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. भारत…
… मदद के सौ हाथ मिल जायेंगे, बस एक हार को जीत में, बदलने की कोशिश तो करो
मनोज किशोर, जमशेदपुर. विगत दिनों विभिन्न बोर्ड, यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं…
कविता : मुखौटा मुस्कान का मुख पर, सहज ही सजाती रही, मैं अश्रुपूरित नैनों में डूब कर, जिंदगी को ही नहाती रही…..
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. तलाश जिंदगी की जारी है…. बहुत बेखबर है जिंदगी,पर…
कविता- हिंदी खोज रही अपनी साथी
अनिशा श्रीवास्तव, जमशेदपुर हिंदी खोज रही अपनी साथी चलो बताती हूं आज…
हिंदी दिवस पर पढ़िए कविता : मैं हिंदी हूं
मनोज किशोर, जमशेदपुर. भारतीय संविधान ने १૪ सितम्बर १९૪९ में हिंदी को…
आज पढ़िए कविता : जीने की समझ…
डॉ पुरुषोत्तम कुमार. जमशेदपुर. क्या हुआ भला, क्या हुआ बुराक्या रखा इस…
सियासत के दिल में वोटों की बेबसी मिलती है…
राजीव दुबे. देख कर हमारी शहादत जिनको खुशी मिलती है, है अपना,…
शिक्षक दिवस विशेष : गुरु की कृपा हो जाए तो,अंधेरे में उजाला हो जाए
राजीव दुबे, जमशेदपुर. धरा बदल सकते हैं वो आसमान बदल सकते हैं…