- डिमना लेक के पीछे हलुदबनी गांव में सिद्धो कान्हू चौक स्थित यात्री सेड में बुजुर्गों को छोड़ भाग रहे लोग
जमशेदपुर.
जमशेदपुर के डिमना लेक के पीछे स्थित हलुदबनी गांव के युवाओं ने मानवता की मिसाल कायम की है. सिद्धो कान्हू चौक पर स्थित यात्री सेड में जख्मी हालत में पड़े लावारिस बुजुर्ग को एमजीएम अस्पताल पहुंचा कर उनका इलाज कराया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नजर पड़ने के बाद भी कोई पहल नहीं किया, लेकिन युवाओं को बुजुर्ग की तकलीफ देखी नहीं गई और वे उसे एंबुलेंस के माध्यम से न केवल एमजीएम अस्पताल पहुंचाया, बल्कि बुजुर्ग के घाव में पट्टी होने तक रुके रहे.
बीमार बुजुर्ग को छोड़ भागने की आशंका
जमशेदपुर के डिमना लेक के पीछे स्थित हलुदबनी गांव के लोग पिछले कुछ वर्षों से अचानाक लावारिस वृद्धों आने से परेशान हैं. हलुदबनी के सिद्धो कान्हू चौक के पास स्थित यात्री सेड जख्मी, बीमार बुजुर्ग को छोड़ कर लोग भाग जा रहे हैं. अजय किस्कू ने बताया कि पिछले दो साल में चार बुजुर्ग यहां लावारिस हालत में मिल चुके हैं. एक बुजुर्ग की खबर अखबार में छपने के बाद उनके परिवार वाले लेकर चले गए थे. वहीं तीन बीमार बुजुर्ग में दो को काफी खराब हालत में वे लोग खुद एमजीएम अस्पताल पहुंचा चुके हैं जबकि एक की मौत यात्री सेड में ही हो चुकी है.
रविवार को एक ऐसे ही जख्मी लावारिस वृद्ध को स्थानीय युवाओं ने एमजीएम अस्पताल पहुंचा कर उनका इलाज कराया. क्षेत्र के अजय किस्कू ने बताया कि वृद्ध पिछले एक सप्ताह से यात्री सेड में रह रहा था. आये दिन कोई न कोई बुजुर्ग के बैठे होने से उसे सामान्य समझ कर छोड़ दिया, लेकिन रविवार की सुबह जब युवाओं की नजर यात्री सेड के अंदर पड़ी, तो देखा कि जहां तहां खून गिरा है. वृद्ध के पैर में घाव है और उससे न केवल लगातार खून बह रहा था बल्कि उसमें कीड़े लग गये थे. यह देख क्षेत्र के युवाओं ने इसकी सूचना बोड़ाम थाना को दी. युवाओं ने हेल्प लाइन नंबर में फोन कर एंबुलेंस बुलाया और वृद्ध को एमजीएम अस्पताल पहुंचाया. अजय किस्कू ने बताया कि पिछले दो साल में यह चौथा मामला है. बाहर से वृद्ध को लाकर छोड़ दिया जा रहा है. वृद्ध को अस्पताल पहुंचान वालों में अजय के साथ सोमनाथ बास्के , डिना बास्के , बिसू मर्डी , विश्वजीत मांझी मौजूद थे.
कुछ बोल नहीं पा रहा बुजुर्ग
यात्री सेड में मिले बुजुर्ग की हालत काफी खराब है. जहां एक ओर जख्मी है वहीं वह कुछ बोल नहीं पा रहा है. इससे उसकी बोली भाषा भी समझ नहीं आ रही है कि वह कहां से आया होगा. या उसे कौन यहां छोड़ गया है.
नहीं मिल रहा सहयोग
अजय ने बताया कि हलुदबनी एरिया ऐसी समस्या व्याप्त है, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि या पुलिस, प्रशासन से उचित सहयोग नहीं मिलता है.