जमशेदपुर.
- वाईआई का यूथ कॉन्क्लेव-फ्यूचर-3.0 सीएफई में आयोजित
- शिक्षा, पर्यावरण, कृषि व उद्योग व जिडिटल इकोनॉमी पर चर्चा
वाईआई जमशेदपुर चैप्टर की ओर से शनिवार को यूथ कॉन्क्लेव- फ्यूचर-3.0 का आयोजन किया गया. इसमें भविष्य का भारत गढ़ने में युवाओं की भागीदारी पर मंथन किया गया। इसमें पांच अलग-अलग विषयों पर चर्चा की गई, इनमें शिक्षा, जीवनशैली, डिजिटल इकोनॉमी, कृषि तकनीक, मैनुफैक्चरिग के क्षेत्र में टेकनॉलाजी के भविष्य पर विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिया. सेंटर फॉर एक्सीलेंस में आयोजित इस कॉन्क्लेव में गौरव आनंद, खुशबू सिंह, अर्जुन मुरारका, प्रो गिरधर रामचंद्रन व अंकित प्रताप विशेषज्ञ वक्ता के रूप में शामिल हुए. जुस्को में लंबे समय तक वेस्ट मैनेजमेंट पर काम कर चुके गौरव आनंद ने भविष्य सुरक्षित रखने के लिए जीवनशैली में जरूरी बदलावों पर बात रखी. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब हम जल, जमीन, वायु व ऊर्जा के संरक्षण को लेकर गंभीर हुआ जाए. उन्होंने कचरा प्रबंधन व इसके रिसाइक्लिंग की जरूरत पर जोर दिया.
वहीं गुरुग्राम स्थित संस्थान इनलीड में अंतर्राष्ट्रीय कॉर्पोरेट मामलों और विदेशी प्लेसमेंट की निदेशक के रूप में काम कर रहीं खुशबू ने शिक्षा के भविष्य पर चर्चा की. कहा कि भविष्य स्किल का है.
उन्होंने कहा कि भविष्य की शिक्षा में सीखने व काम करने के बीच का अंतर समाप्त हो जाएगा. तीसरे वक्ता के रूप में वायआई के इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप वर्टिकल के अध्यक्ष अर्जुन मुरारका ने विनिर्माण (मैनुक्चरिंग) में टेक्नॉलाजी के भविष्य पर बात की. उन्होंने जमशेदपुर और इसकी विविध विनिर्माण क्षमता का उदाहरण दिया. उन्होंने हुंडई का उदाहरण देकर विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी की जानकारी दी.
वहीं हर्बिनो के संस्थापक और सीईओ अंकित प्रताप सिंह ने कृषि तकनीक के भविष्य के बारे में बात की. कहा कि टेक किसानों को मानसून और कटाई के बारे में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करने में मदद कर रहा है जिससे समग्र उत्पादकता बढ़ती है. उन्होंने कृषि के प्रति भविष्य के दृष्टिकोण के रूप में मिट्टी रहित खेती की जानकारी दी. इस कॉन्क्लेव में नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी, अरका जैन यूनिवर्सिटी व श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर हर्ष अग्रवाल, सौरभ खिरवाल, मोक्षिता आनंद, सुमित अग्रवाल, स्नेहा पसारी, राहुल पसारी, स्नेहा गांधी, नेहल गांधी उपस्थित थे.