- आर्ट्स –
समाजशास्त्र 50
अर्थशास्त्र 100
अंग्रेजी 100
भूगोल 50
हिंदी 100
इतिहास 100
ओड़िया 50
मैथिली 50
दर्शनशास्त्र – 50
राजनीतिशास्त्र – 100
मनोविज्ञान – 50
उर्दू 50
सामान्य 100 - कॉमर्स –
बी कॉम 600
- पीजी –
राजनीतिशास्त्र – 50
इतिहास – 50
एम कॉम – 200
कितने विद्यार्थी पढ़ते हैं – पांच हजार
- शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की संख्या कितनी है
47 स्वीकृत पद पर मात्र 12 शिक्षक कार्यरत है. इसमें भी छह शिक्षक विवि में डेपुटेशन पर है. 19 घंटी आधारित शिक्षक कार्यरत है. वहीं 27 स्वीकृत पर मात्र 12 नन टीचिंग स्टाफ कार्यरत है. - संसाधनों की स्थिति : कितनी कक्षाएं हैं, पुस्तकालय है या नहीं, अन्य कोई कोर्स की पढ़ाई होती है क्या?
नयी बिल्डिंग के 20 कमरे यूजी पीजी की पढ़ाई हो रही है जबकि कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग का उपयोग इंटर के क्लास के लिए होता है. कॉलेज में एक सेमिनार हॉल है और पुस्तकालय है. - इस दिशा में अब तक क्या प्रयास हुए हैं : कोई कागजी प्रक्रिया अगर हुई हो तो
- जिन लोगों ने इसकी मांग उठायी है या इसके लिए आंदोलनरत हैं उनका कोट
- कुछ स्थानीय विद्यार्थियों का कोट जिन्हें साइंस की पढ़ाई के लिए दूर जाना पड़ता है.
अश्विनी श्रीवास्तव. जमशेदपुर
एक बड़ी आबादी के विद्यार्थियों को साइंस विषय की पढ़ाई के लिए सात से 10 किलोमीटर दूर सफर तय करना पड़ता है. पूर्वी जमशेदपुर व पूर्वी जमशेदपुर से सटे जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र की बात करें, तो यहां के विद्यार्थियों के लिए एक मात्र डिग्री कॉलेज गोलमुरी एबीएम कॉलेज है. लेकिन यहां साइंस की पढ़ाई नहीं होती है. 1971 में इवनिंग क्लास से शुरू हुए इस कॉलेज में शुरूआत में आर्ट्स की पढ़ाई होती थी, उसके कुछ साल बाद कॉमर्स की पढ़ाई भी शुरू हो गयी, लेकिन इन पचास वर्षों में साइंस की पढ़ाई शुरू कराने के लिए कोई बड़ी पहल नहीं हुई. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी कॉलेज के विकास के लिए कभी गंभीर नहीं दिखे. एबीएम कॉलेज गोलमुरी, इस्टप्लांट बस्ती, गाड़ाबासा, केबल टाउन, नामदा बस्ती, मनीफीट, गोविंदपुर, रहरगोड़ा-बारीगोड़ा, बारीडीह, सिदगोड़ा, बिरसानगर, टेल्को और इसके आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक मात्र डिग्री कॉलेज के रूप में स्थित है.
कम पड़ जाती है सीटें –
गोलमुरी, इस्टप्लांट बस्ती, गाड़ाबासा, केबल टाउन, नामदा बस्ती, मनीफीट, गोविंदपुर, रहरगोड़ा-बारीगोड़ा, बारीडीह, सिदगोड़ा, बिरसानगर, टेल्को और इसके आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों विद्यार्थी हर साल साइंस में दाखिला के लिए को-ऑपरेटिव कॉलेज और करीम सिटी में आवेदन करते हैं. लेकिन इसमें से कई छात्र का नाम नहीं आ पाता है, और वे साइंस लेने से वंचित रह जाते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में दूसरा कोई कॉलेज भी नहीं है. ऐसे में विद्यार्थियों को दूसरे विषय से पढ़ाई कर समझौता करना पड़ता है. अगर एबीएम कॉलेज में साइंस की पढ़ाई आरंभ होती है, तो कुछ सीटों की संख्या बढ़ जायेगी जिसका लाभ संबंधित क्षेत्र के विद्यार्थियों को होगी.
चुनौती, जरूरतें –
कॉलेज के पास मूलभूत सुविधा में बिल्डिंग व भमि की कमी है. बिल्डिंग बनाने के बाद साइंस के लिए अलग से ब्लॉक बनाने होंगे. साइंस के तीनों संकाय फिजिक्स, केमेस्ट्री व बायोलॉजी के लिए लैब बनाने की जरूरत पड़ेगी.
वर्षों से है साइंस की पढ़ाई शुरू करने की मांग –
कॉलेज में साइंस की पढ़ाई शुरू करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व कुछ छात्र नेताओं ने बात उठायी थी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चली गयी. झारखंड छात्र मोर्चा के अरुण मुर्मू , पप्पू यादव व अन्य कई सदस्य इसके लिए आंदोलनरत हैं. पिछले दिनों कुलपति उन्होंने इस संबंध में बात की थी.
टाटा स्टील का समझौता हुआ पूरा, तो है संभव –
पिछले दिनों टाटा स्टील के साथ एबीएम कॉलेज का एक समझौता हुआ था. इसमें टाटा स्टील की ओर से कहा गया है कि वह साढ़े चार एकड़ भूमि पर भवन बना कर कॉलेज को देगी. ग्रेजुएट कॉलेज की तर्ज पर अगर यह काम होता है, तो एबीएम को एक बड़े परिसर के साथ आधुनिक और सुविधायुक्त भवन मिलने से साइंस के साथ अन्य विषयों की पढ़ाई और एक्सट्रा एक्टिविटी भी हो पायेगा.
कॉलेज में साइंस की पढ़ाई आरंभ हो, इसके लिए जो आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. क्या संसाधन है और किन किन चीजों की आवश्यकता पड़ेगी इसको लेकर रिपोर्ट तैयार की गयी है. फाइनल रिपोर्ट बना कर अगले कुछ दिनों में विवि को प्रस्ताव भेजा जायेगा.
डॉ विजय कुमार पीयूष, प्राचार्य, एबीएम कॉलेज
एबीएम कॉलेज में साइंस पढ़ाई शुरू हो इसको लेकर प्राचार्य से बात की जायेगी. मैं अपने स्तर से हर संभव प्रयास करूंगा कि इस कॉलेज का विकास हो.
सरयू राय, विधायक, पूर्वी जमशेदपुर
झारखंड छात्र मोर्चा वर्षों से कॉलेज में साइंस की पढ़ाई की मांग उठाते रहा है. पूर्व में जितने भी कुलपति रहे सभी को ज्ञापन दिया गया. वर्तमान में भी कई बार इस संबंध में बात की गयी है.
अरुण मुर्मू, कोल्हान अध्यक्ष, झारखंड छात्र मोर्चा