- जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में वोकेशनल कोर्स में है शामिल
- रोजगार की असीम संभावना से पूर्ण है यह कोर्स
जमशेदपुर.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में वोकेशनल कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है. इनमें से ‘क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स’ में ग्रेजुएट का कोर्स पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा कार्यक्रमों के एक भाग के रुप में पोषण के लिए चिकित्सकीय (थेराप्यूटिक) उपयोगों से संबंधित है. जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स में 3 साल का सेमेस्टर वाइज फुल टाइम बीएससी ऑनर्स प्रोग्राम ऑफर करती है.
कुलपति प्रो डॉ अंजिला गुप्ता ने इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि “अस्वास्थ्यकर जीवन शैली के बढ़ते प्रभाव ने कई तरह के मेटाबोलिक डिसऑर्डर्स को जन्म दिया है और यही कारण है कि यह पाठ्यक्रम समय की मांग बनकर उभरी है. इसे बेहतर जीवन शैली और खान पान के द्वारा विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाव से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों व ज्ञान से समृद्ध करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस कोर्स से स्नातक करने वाली छात्राओं में अलग अलग समय और स्थान के लिए उपयुक्त डाइट, व्यक्तियों और समूहों के पोषण, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज, हेल्थ, वेलफेयर अन्य को बढ़ावा देने व इन क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित हो पायेगा.”
कैरियर प्रॉस्पेक्टस की दृष्टि से इस कोर्स से स्नातक करने के बाद निम्नलिखित रोजगार के आयाम खुलेंगे
- क्लिनिकल डायटिशियन
- स्पोर्ट्स न्यूट्रीसनिस्ट
- पब्लिक हेल्थ न्यूट्रीसनिस्ट
- न्यूट्रीशन एजुकेटर
- वेलफेयर कंसल्टेंट
- व्यक्तिगत पोषण विशेषज्ञ
- खाद्य उद्योग में आहार विशेषज्ञ
- शिक्षाविद
- शोधकर्ता
आवश्यक योग्यता-
क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स द्वारा पेश किए गए किसी भी करियर विकल्प को चुनने के लिए छात्राओं को विज्ञान संकाय के साथ 10 + 2 स्तर उत्तीर्ण होना चाहिए. इस पाठ्यक्रम के लिए योग्यता न्यूनतम 45% अंकों के साथ 10+2 विज्ञान (जैव विज्ञान/गणित, भौतिकी, रसायन) है.
कैंपस सुविधाएं-
छात्रावास, अच्छी तरह से भंडारित पुस्तकालय, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशाला, कैंटीन, वाईफाई कनेक्टिविटी
विशेषताएं-
पेशेवर आहार विशेषज्ञों के साथ नियमित बातचीत, अस्पतालों और खाद्य सेवा संस्थानों का नियमित दौरा, एमजीएम अस्पताल में इंटर्नशिप
प्लेसमेंट-
छात्राओं को टीएमएच, ब्रह्मानंद नारायण हृदयालय, लाइफ लाइन, मेडिट्रीना अस्पताल, यूनिसेफ, नेस्ले व अन्य राज्यों के अस्पतालों में आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ के रूप में रखा जाता है.