जमशेदपुर.

क्या आप एमबीबीएस कर डॉक्टर बन चिकित्सीय सेवा में आना चाहते थे और नाम बनाना चाहते थे, लेकिन दाखिला नहीं होने और आर्थिक तंगी के कारण ऐसा नहीं हो सका, तो घबराने या निराश होने की जरूरत नहीं है. एमबीबीएस के अलावा और भी कुछ ऐसे कोर्स हैं जो आपको डॉक्टर बनने का अवसर देते है. इसी में है बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी एक ऐसा कोर्स है जो आपको एक डॉक्टर की पूरी पहचान देता है. फिजियोथेरेपिस्ट की वर्तमान में काफी मांग है. इसलिए आप देखिएगा कि डॉक्टर की क्लीनिक के साथ शहरों में फिजियोथेरेपी सेंटर भी खूब संचालित होते है. फिजियोथेरेपी, चिकित्सा विज्ञान की एक शाखा है. फिजियोथेरेपी की खासियत यह है कि इसमें इलाज के दौरान किसी भी तरह की दवाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. एक्ससरसाइज, इलेक्ट्रोथेरपी व मसाज जैसे तरीकों का इस्तेमाल करके व्यक्ति को उसकी स्वास्थ्य समस्या से निजात दिलाता है.
फिजियोथेरेपिस्ट सिर्फ अलग−अलग तरीकों से मरीजों का इलाज ही नहीं करता, बल्कि वह पेंशेंट को यह यकीन भी दिलाता है कि वह जल्द ठीक हो सकते हैं और वह भी बिना किसी दवाई के.
झारखंड के अलग अलग विवि व महाविद्यालय में होती है पढ़ाई :
अगर आप फिजियोथेरेपिस्ट बनना चाहते हैं तो BPT यानी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी) कोर्स बेस्ट ऑप्शन है। इसकी अवधी 4 वर्ष होती है और विज्ञान विषयों के साथ 12 वीं पास विद्यार्थी इसमें नामांकन ले सकता है। बैचलर ऑफ फिजिओथेरेपी की पढ़ाई के लिए झारखंड में अरका जैन यूनिवर्सिटी, झारखंड राय यूनिवर्सिटी, उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग विश्वसनीय नाम है. इसके अलावे भी कुछ महाविद्यालयों में इसकी पढ़ाई होती है.