जमशेदपुर.
करनडीह स्थित एलबीएसएम महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में प्रजापति ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय और आईक्यूएसी, एनएसएसएल बीएसएम कॉलेज, जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में नैतिक शिक्षा और राजयोग विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. वर्तमान के समय प्रमाण भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चों को नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है. यह बातें माउंट आबू राजस्थान से आये प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कही. कॉलेज में नैतिक शिक्षा और सकारत्मक चिंतन से सशक्त युवा विषय संबोधन करते हुए वे बोल रहे थे. भगवान भाई ने कहा कि भौतिक शिक्षा से हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन परिवार, समाज, कार्यस्थल में परेशानी या चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते है. युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बनकर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं. लेकिन जब उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता तो उनका मन असंतुष्ट हो उठता है और मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है. शिक्षा से प्राप्त उपलब्धियां उन्हें निरर्थक प्रतीत होती हैं.
प्राचार्य डॉ एके झा ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है. स्थानीय ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र की बहन ने कहा कि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है. सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है. उन्होंने कहा की जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नहीं है तब तक जीवन में नैतिकता नहीं आ सकती.
विषय का विषय प्रवेश कोल्हान विश्वविद्यालय के योग समन्यवयक डॉ दीपांजय श्रीवस्तव ने प्रकाश डालते हुए बताया कि जीवन में सफलता के लिए मानवीय मूल्यों का होना जरूरी है जो कि हमें नैतिक शिक्षा के माध्यम से ही मिल सकता है और राजयोग द्वारा इसका अभ्यास कर हम पूर्ण रूप से हम आत्मसात कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही इस महाविद्यालय में योग का विभाग खोला जाएगा, जिसके द्वारा सभी को योगाभ्यास सिखाया जाएगा.
मंच का संचालन डॉ मौसूमी पॉल (आईक्यूएसी समन्वयक) और धन्यवाद ज्ञापन प्रो अरविन्द प्रसाद पंडित ( एनएसएसपीओ) ने किया. इस कार्यक्रम में डॉ डीके मित्रा, डॉ विनय गुप्ता, प्रो विनोद कुमार, डॉ विजय प्रकाश, डॉ अजेय वर्मा, डॉ जया कक्षप, प्रो ऋतु, प्रो अरविंद पंडित, डॉ सुष्मिता धारा, डॉ शबनम परवीन, प्रो सलोनी रंजने, प्रो मोहन साहू, डॉ प्रशांत, प्रो प्रमीला किस्कू, डॉ नूपुर, डॉ सुधीर कुमार, डॉ संतोष कुमार, प्रो बाबूराम सोरेन, डॉ रानी उपस्थित रहे.