- मामला जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी का
- यूनिवर्सिटी की खेल प्रशिक्षिका सह अंतरराष्ट्रीय एथलिट शांति मुक्ति बारला की सड़क दुर्घटना में सोमवार को हुई थी मौत
- जहां कॉलेज में होनी चाहिए शोक सभा, वहां आयोजित किए गए नृत्य संगीत के कार्यक्रम
- छात्र आजसू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जताई आपत्ति
- कार्यक्रम के आयोजन पर कुलपति डॉ प्रो अंजिला गुप्ता ने जताया खेद
जमशेदपुर.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में मंगलवार को एक शर्मनाक और मानवता को शर्मशार करने वाले कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिस यूनिवर्सिटी की लोकप्रिय खेल प्रशिक्षिका और अंतरराष्ट्रीय एथलिट शांति मुक्ति बारला की मृत्यु पर शोक सभा होनी चाहिए थी, वहां न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, बल्कि फिल्मी गीतों पर छात्राओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी और यूनिवर्सिटी के शिक्षक, स्टाफ तालियां बजा रहे थे. इन्हें जरा भी लज्जा नहीं आई कि जिस प्रशिक्षिका के बदौलत वीमेंस कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी होने तक सैकड़ों मेडल खेल के क्षेत्र में मिले, उनकी मौत हो गई है, शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ और सभी लोग नृत्य संगीत में मस्त है. विभिन्न कार्यक्रम के बीच जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के बिष्टुपुर कैंपस में मंगलवार को नृत्य संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें हिंदी फिल्मी गीत “दो घूंट मुझे भी पिला दे शराबी” जैसे गाने पर छात्रा से नृत्य कराया गया. कार्यक्रम हो जाने के बाद जब कुछ छात्र संगठन के नेताओं ने इसका विरोध किया, तो यूनिवर्सिटी अपनी सफाई पेश कर रहा है और कार्यक्रम आयोजन पर खेद प्रकट कर रहा है.
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इस आयोजन पर मुझे खेद है : कुलपति
इस मामले में कैंपस बूम के संवाददाता ने जब यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ प्रो अंजिला गुप्ता से पूछा, तो उन्होंने पहले तो कहा कि अनजाने में यह कार्यक्रम का आयोजन हो गया. इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. उन्होंने कहा कि चुकी यूनिवर्सिटी के कई विभाग और प्रशासनिक कार्यालय सिदगोड़ा कैंपस में शिफ्ट हो गया है, इसलिए बिष्टुपुर कैंपस में हुए आयोजन की जानकारी उन्हें नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि जब कार्यक्रम आयोजन की जानकारी उन्हें हुई, तो उन्होंने इस पर आपत्ति भी जताई. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम आयोजन के लिए एक-डेढ़ माह पूर्व ही अनुमति ली गई थी. हालांकि उन्होंने दोबारा खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह गलत हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि सिदगोड़ा कैंपस में शोक सभा की गई, जहां बारला की मौत पर न केवल सभी दुखी थे बल्कि सभी के आंखे नम थे.
अब सवाल उठता है, कि क्या बिष्टुपुर कैंपस में कोई जिम्मेदार नहीं था, जो इसे रोकता
कुलपति के बयान और खेद प्रकट से भी यह सवाल उठता है कि क्या बिष्टुपुर कैंपस में ऐसा कोई जिम्मेदार अधिकारी या शिक्षक नहीं थे, जो मानवता को शर्मशार करने वाले इस कार्यक्रम को राेकता. क्या बिष्टुपुर कैंपस छात्राओं के भरोसे छोड़ दिया गया है. सवाल यह भी उठता है कि क्या सिदगोड़ा कैंपस के अलावा बिष्टुपुर कैंपस में शोक सभा करने की सूचना नहीं दी गई थी? इस पूरे मामले में विवि प्रशासन सवाल के घेरे में है.
कुलपति से बात करने के चंद मिनट में जारी किया गया बयान
कुलपति से बयान लेने के चंद मिनट बाद ही यूनिवर्सिटी के ऑफिसियल मीडिया वाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज दिया गया जिसमें बताया गया कि इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी. वाट्सएप संदेश में लिखा गया है कि आज दिनांक 9 जनवरी 2024 को आरबीएस अकादमी का डांस ऑडिशन जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के प्रांगण में करने की अनुमति नहीं मिली थी. प्रोफेसर शांति मुक्त बरला के निधन से पूरे विश्वविद्यालय में एक सन्नाटा सा छाया हुआ है अतः इस कार्यक्रम को आज करने की अनुमति नहीं दी गई थी.
शर्मनाक हरकत है : दीपक पांडेय
छात्र आजसू के प्रदेश सचिव दीपक कुमार पांडेय ने इस मामले में विज्ञप्ति जारी कर इसे शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि जिस यूनिवर्सिटी में शिक्षिका की मौत पर शाेकसभा होनी चाहिए, वहां कार्यक्रम का आयोजन करना दुर्भाग्य और शर्मनाक है. दीपक पांडेय ने इस मामले सबसे पहले प्रकाश में लाया और उस पर आपत्ति दर्ज की थी. वहीं छात्र आजसू के कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक ने भी इस मामले में आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि विवि प्रशासन ऐसे कारनामों से ही चर्चा में है. ऐसी घटना विवि के क्रियाकलापों पर सवाल उठाता है.