- गिद्ध के पैर में लगे रिंग में लिखा है ढाका
- हजारीबाग वन प्रमंडल ने गिद्ध में डिवाइस टैगिंग होने की पुष्टि की
Central Desk, Campus Boom.
हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ के कुणाल डैम में ट्रैकर डिवाइस लगा हुआ गिद्ध बरामद हुआ है. गिद्ध के बंग्लादेश की राजधानी ढाका से आने और उसके शरीर पर डिवाइस टैगिंग की पुष्टि हजारीबाग वन प्रमंडल ने भी किया है. अब जहां एक और बंग्लादेश में तख्ता पलट और हो रही घटना पूरे विश्व समेत भारत में बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसके बीच जासूस की तरह गिद्ध का झारखंड में पाया जाना न केवल कौतुहल का विषय बना हुआ है बल्कि प्रशासन के लिए जांच का विषय बन गया है. वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि हजारीबाग पहुँचने से पूर्व गिद्ध ने कुल 1214 किलोमीटर की दूरी तय किया है.
गिद्ध के इस तरह पाए जाने से फैली सनसनी
सुबह 9 बजे के करीब डैम में जासूस रूप में गिद्ध के पाए जाने की जानकारी पूरे हजारीबाग में आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. तरह तरह की चर्चाय आम हो गई. यहां के लोगों का कहना है कि बांग्लादेश से बना हुआ डिवाइस इस गिद्द में लगा हुआ है. गिद्ध के पैर में लगे रिंग में ढाका लिखा है. कुछ नंबर भी अंकित है. अफवाहों के बीच पंछियों पर शोध करने वाले हजारीबाग के शोधकर्ता मुरारी सिंह ने ऐसी कई जानकारी लोकल 18 को दी जिससे इन चर्चाओं विराम लग गया.
वन विभाग की पुष्टि
पूरी जांच पड़ताल के बाद शाम को वन विभाग की ओर से स्थिति को स्पष्ट करते हुए जानकारी साझा किया गया. बताया गया कि प्रथम दृष्टया उक्त पक्षी पर Solar Radio Collar लगा पाया गया है, जिसपर लिखा है. “If found Please Contact, [email protected], OT.504G s/n: 236226”
पक्षी के पंजे पर एक Metallic Ring भी लगा पाया गया, जिसपर “GPO BOX-2624 DHAKA, B67” विवरणी अंकित है.
उक्त सूचना के आधार पर संबंधित पक्षी के बारे में विशेषज्ञों (Ornithologists) से सम्पर्क किये जाने पर पक्षी की पहचान White Backed Vulture (Gyps bengalensis) के तौर पर की गयी जो कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनयम, 1972 के अन्तर्गत Schedule-1 की श्रेणी में आता है.
Bombay National History Society (BNHS) जो कि भारत में विलुप्तप्राय पक्षियों के संबंध में शोध हेतु प्राधिकृत संस्था है, से सम्पर्क करने पर जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त पक्षी की Radio Tagging जिस संस्था द्वारा की गई है वह Royal Society for the Protection of Birds (RSPB), UK है जिसके वैज्ञानिकों द्वारा Tagging की गयी है. इसके विलुप्त होती संख्या को रोकने के लिये इसकी Tagging की जाती है, जिसका उद्देश्य इस Critically endangered पक्षी की सतत् Monitoring करना है.
चूंकि इस पक्षी की Tagging (RSPB, UK) की ‘ढाका’ स्थित टीम के द्वारा किया गया है, जिस कारण उसके पंजे पर मौजूद रिंग में ‘ढाका’ अंकित है. BNHS द्वारा प्रमण्डल से साझा की गई जानकारी के अनुसार इस पक्षी को 15 मई, 2024 को टैग किया गया था तथा इसका आगमन 08 अगस्त, 2024 को हजारीबाग जिले के कोनार डैम में हुआ है. हजारीबाग पहुँचने से पूर्व पक्षी के द्वारा कुल 1214 किलोमीटर की दूरी तय की गई है तथा 921 मीटर की अधिकतम ऊँचाई प्राप्त की गयी.
चिकित्सिय लाभ के लिए रखा गया अभिरक्षा में
गिद्ध 45 दिनों की कुल यात्रा तय कर के पहुंचा है. आज इसे वन विभाग की अभिरक्षा में चिकित्सकीय लाभ के लिए रखा गया है. वन विभाग ने बताया है कि विभिन्न श्रोतों द्वारा भ्रामक सूचनायें फैलाये जाने संबंधी सूचना प्राप्त हुई है जो सही नहीं है. वर्त्तमान में पक्षी के स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों की निगरानी में देखभाल किया जा रहा है एवं उसकी स्थिति स्थिर है.