– विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में वित्तीय साक्षरता पर कार्यशाला का आयोजन
– पैसे की बचत अनिवार्य, निवेश को लेकर रहे सतर्क: सुबोध
– प्रतिष्ठित कंपनियों के एसआईपी के माध्यम से मुच्यूअल फंड, गोल्ड प्लान निवेश के लिए सुरक्षित प्लान
जमशेदपुर.
विवेकानंद इंरनेशनल स्कूल, मानगो में वित्तीय साक्षरता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अतिथि वक्ता सह वित्तीय एक्सपर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर के पत्रकार, डिस्कवरी, नेशनल जियोग्राफी चैनल के लिए काम कर चुके, अनुवादक, रेडियो प्रस्तोता सुबोध पांचाल ने स्कूल के शिक्षकों को वित्तीय साक्षरता पर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया की पैसों की बचत को लेकर सभी जागरूक तो हैं, लेकिन बचत किये हुए रकम को कहां निवेश करे, इसको लेकर अब भी लोगों में जानकारी की कमी है. उन्होंने ने उदाहरण देते हुए बचत और निवेश करने की जानकारी दी. कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कमेंटेटर्स शाहिद अनवर, स्कूल की प्रिंसिपल डॉ निधि श्रीवास्तव, एडमिन सौम्यदीप और सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं और स्टॉफ मौजूद रहे.
निवेश के नाम पर रियल इस्टेट में पैसा लगाना जोखिम भरा कदम
सुबोध पांचाल ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए इंटरेक्शन सेशन के तहत सवालों के जवाब देते हुए कहा की निवेश के नाम पर रियल इस्टेट में पैसा लगाना जोखिम भरा काम है. उन्होंने कहा की घर, फ्लैट रहने के लिए होता है, निवेश के लिए नहीं होता है. सुबोध पांचाल ने कई उदाहरण देते हुए साफ कहा कि एक आम व्यक्ति बचत और निवेश अपने बुरे वक्त के लिए करता है और बुरे वक्त में जब आप अपनी संपत्ति बेचने जाते हैं तो आपके मांग अनुसार पैसे नहीं मिलते हैं, मोल मुलाई होता है. ऐसे में कम कीमत पर घर, मकान बेचना पड़ता है.
प्रतिष्ठित कंपनियों के एसआईपी के माध्यम से मुच्यूअल फंड, गोल्ड प्लान निवेश के लिए सुरक्षित प्लान
सुबोध पांचाल ने कहा कि खासकर महिलाएं गोल्ड के नाम पर आभूषण खरीद कर इसे निवेश का नाम देती हैं. ये सही नहीं है, आभूषण कभी भी निवेश नहीं हो सकता है. निवेश के नाम पर आभूषण की खरीदारी सबसे ज्यादा गलत कदम है. सोना ही खरीदना है और निवेश करना है तो कई बैंक गोल्ड प्लान देती हैं. जिसे लिया जा सकता है. यह सबसे सुरक्षित निवेश है. इसके अलावा उन्होंने एसआईपी के माध्यम से मुच्यूअल फंड के निवेश को अच्छा बताया.
जितनी कम गलती, उतनी बड़ी सफलता : शाहिद अनवर
कार्यक्रम में मौजूद अंतरराष्ट्रीय खेल कमेंटेटर शाहिद अनवर ने जीवन में सफलता की कुंजी क्या है, इसको अपने अनुभव और खेल के अंदाज में बताया. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गली में खेलने वाला क्रिकेटर हो या सचिन तेंदुलकर सभी खिलाड़ी हैं, लेकिन जो जितनी कम गलतियां करता जाता है वह उतनी ऊंचाई पर पहुंचता जाता है. उन्होंने कहा कि सफलता के लिए जरूरी है कि दूसरों से सीखे और खुद की गलती और खुद की समीक्षात्मक आलोचना करें. ऐसा करने से ही आगे हर काम में निखार आएगा.
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों ने स्वागत गीत से किया. प्रिंसिपल डॉ निधि श्रीवास्तव ने स्वागत संबोधन के साथ स्कूल के संबंध में जानकारी साझा की. वहीं सौम्यदीप ने स्कूल के विभिन्न पहलुओं और यह स्कूल अन्य स्कूलों से कैसे अलग है, यह बताया. वहीं शिक्षिका बिशाखा ने स्कूल की स्थापना, चुनौती, संघर्ष और वर्तमान विकास कार्य को बखूबी प्रस्तुत किया.