- जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस की पूर्व संध्या पर सेमिनार का आयोजन
जमशेदपुर.
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस की पूर्व संध्या पर एक सेमिनार का आयोजन कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), आइक्यूएसी सेल एवं महिला सेल के संयुक्त तत्वाधान में किया गया. इस सेमिनार का विषय मादक पदार्थ के खतरे, सामाजिक प्रभाव एवं इसे दूर करने के उपाय रखा गया था.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति सह कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त हरि कुमार केशरी उपस्थित थे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कॉलेज प्रशासन का यह प्रयास काबिले तारीफ है. कहा कि मद्यपान सामाजिक चिंता का विषय है. संयुक्त परिवार में बिखराव नशापान का मुख्य कारणों में से एक है. नशा पर रोक के लिए जागरूकता आवश्यक है. सांस्कृतिक मूल्याें में बदलाव के कारण ही शराब व अन्य नशा का सेवन बढ़ रहा है. इसे सामाजिक स्तर पर रोका जा सकता है. इसमें शिक्षकों एवं छात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है. शैक्षणिक संस्थानों को नशा मुक्ति को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए.
नशा का कारोबार रोकना सबकी प्राथमिकता, जागरुकता आवश्यक : डॉ अमर सिंह
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अमर सिंह ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए यह बताया कि नशा के कितने प्रकार है और इसका सेवन किस तरीके से हो रहा है. नशा का कारोबार किस तरीके से फल-फुल रहा है और यह जमशेदपुर के रास्ते कैसे अन्य जिलों से होते हुए दूसरे प्रदेशों में पहुंच जा रहा है. साथ ही भी बताया कि किस तरह के लोग क्या-क्या नशा सेवन कर रहे हैं. डॉ अमर सिंह ने कहा कि अगर नशा के कारोबार को समय रहते नहीं रोका गया तो आने वाला भविष्य खतरे में है. इसका सबसे ज्यादा शिकार युवा हो रहे हैं. इस कारण जागरुकता सबसे आवश्यक है.
वक्ता के रूप में को-ऑपरेटिव कॉलेज के इंग्लिश के एचओडी डॉ संजय यादव ने कहा कि मैनर्स रहेगा तो नशापान नहीं होगा. विज्ञापन से भी भ्रम फैलाया जा रहा है. बड़े-बड़े खिलाड़ी व अभिनेता तंबाकु गुटखा का विज्ञापन कर रहे हैं. यह भी एक तरह का नशा को बढ़ावा देने का कारोबार है. इसे रोकना होगा. ऐसे कारोबार पर पाबंदी लगनी चाहिए.
मंच संचालन डॉ अंतरा कुमारी ने किया. सेमिनार से पूर्व कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति हरि कुमार केशरी ने कॉलेज परिसर में पौधारोपण भी किया. मौके पर सरायकेला-खरसावां के जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, आइक्यूएसी कोर्डिनेटर डॉ नीता सिन्हा, ब्रजेश कुमार, डॉ प्रभात कुमार सिंह, डॉ अशोक कुमार रवानी, डॉ स्वाति सोरेन, डॉ दुर्गा तामसोय, डॉ कृष्णा प्रसाद, डॉ अमर कुमार सहित कई शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित थे.