– नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, जमशेदपुर की मैराथन बैठक
– भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में सार्थक प्रयास करें: डॉ पुरुषोत्तम
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, जमशेदपुर की 56वीं मैराथन बैठक सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला के व्याख्यान-कक्ष में सम्पन्न हुई। इसमें नगर भर के सरकारी कार्यालयों के 60 आला अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में जमशेदपुर, चाईबासा एवं सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित भारत सरकार के सभी केन्द्रीय कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, स्वायतशासी निकायों एवं सभी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने राजभाषा हिन्दी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये एक साथ बैठकर विचार मंथन किया।
उक्त बैठक में मंचासीन अधिकारियों में सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर के निदेशक सह अध्यक्ष, डॉ संदीप घोष चौधरी, यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जादूगोड़ा के सीएमडी डॉ एसके सतपति, जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अपर आयुक्त रणविजय कुमार, भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-II प्रशांत कुमार, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर के उप निदेशक प्रो डॉ राम विनय शर्मा, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जमशेदपुर के वरिष्ठ उप महाप्रबंधन मनीष कुमार झा, परमाणु ऊर्जा खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, पूर्वी क्षेत्र, जमशेदपुर के विज्ञानी-जी डॉ. बिश्वजीत पाणिग्रही, भारत संचार निगम लिमिटेड, जमशेदपुर के उप महाप्रबन्धक आरके सिंह, बैंक ऑफ इंडिया, आंचलिक कार्यालय, जमशेदपुर के आंचलिक प्रबन्धक पंकज कुमार मिश्रा एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य-सचिव डॉ पुरुषोत्तम कुमार उपस्थित थे।
विचार-मंथन बैठक में सभी कार्यालय प्रमुखों ने अपने-अपने कार्यालय में राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए किये जाने वाले कार्यों का विस्तृत लेखा-जोखा पेश किया।
सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर के निदेशक सह अध्यक्ष, डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कहा कि नराकास, जमशेदपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी संगोष्ठी का आयोजन तथा सालों भर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सहयोग से कार्यशालाओं, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक तथा वैज्ञानिक गोष्ठियों का आयोजन नराकास की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है। भारत सरकार के दिशानिर्देश में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों में भी राजभाषा हिन्दी तथा सभी भारतीय भाषाओं के विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
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नराकास जमशेदपुर के सदस्य सचिव डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने बैठक में उपस्थित सभी कार्यालय प्रमुख एवं उनके प्रतिनिधियों से कहा कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में सार्थक प्रयास करें। उन्होंने नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति जमशेदपुर की महान विरासत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वच्छ, सुंदर, पर्यावरण हितैषी एवं गौरव शाली राष्ट्र के निर्माण में हमारी नराकास द्वारा कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक हिंदी संगोष्ठी, हिंदी कार्यशाला, तनाव प्रबंधन आदि अनेक लोकमंगलकारी विषयों पर विभिन्न कार्यायलयों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किये गये।
किसने क्या कहा
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यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जादूगोड़ा के सीएमडी, डॉ एसके सतपति ने कहा कि कार्यालयीन कामकाज में सहजता लाने के लिए राजभाषा हिन्दी का प्रयोग आवश्यक है साथ ही इसे मन से अपनाना अति आवश्यक है। हिन्दी आत्मा की भाषा है एवं अँग्रेजी तकनीकी भाषा है। राजभाषा हिन्दी समाजिक समरसता और सदभाव का प्रतीक है इससे हमारी राजभाषा हिन्दी का प्रसार-प्रचार ही नहीं होगा बल्कि प्रशासनिक एवं वैज्ञानिक कार्यों के राजभाषा हिन्दी में किये जाने का सुखद एवं प्रेरणादायक वातावरण भी सृजित होगा। उन्होंने राजभाषा के विकास के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही और हिन्दी में वैज्ञानिक विषय “न्यूक्लियर साइन्स” पर संगोष्ठी करने की बात कही।
भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-II, प्रशांत कुमार ने कहा कि राजभाषा हिन्दी आमजन की भाषा है जिसे सभी लोग आसानी से समझ व बोल पाते हैं। हिन्दी जनसंपर्क और राष्ट्रीय संपर्क की भाषा के रूप में भी एक सशक्त कड़ी का काम कर रही है। वाणिज्यिक और व्यापार के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हिन्दी के प्रयोग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर के उप निदेशक, प्रो डॉ राम विनय शर्मा ने कहा कि सरल हिन्दी का प्रयोग करें तथा जिनकी मातृ भाषा हिन्दी नहीं है तकनीकी प्रयोग द्वारा वे भी सहजता पूर्वक हिन्दी का प्रयोग कर सकते हैं। हिन्दी का प्रयोग हमारा संवैधानिक दायित्व है। एनआईटी, जमशेदपुर तकनीकी विषयों पर हिन्दी में शिक्षण की व्यवस्था कर रहा है।
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जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के अपर आयुक्त रणविजय कुमार ने कहा कि हिन्दी हमारी राजभाषा है, हमें इसका सम्मान करना चाहिए तथा हमें अपना कार्यालयीन कार्य भी ज्यादा से ज्यादा राजभाषा हिन्दी में ही करना चाहिए। कार्यालयों के कार्यक्षेत्र विशेष से जुड़े लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों मे आने वाली समस्याएं तो दूर होंगी साथ ही साथ राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने स्कूल एवं कॉलेज के बच्चों के लिए नराकास के तत्वावधान में प्रारणादायक कार्यक्रमों का किए जाने का सुझाव है।
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जमशेदपुर के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक, मनीष कुमार झा ने कहा कि आज मोबाइल तथा इंटरनेट के माध्यम से आमलोग बहुत ही आसानी से हिन्दी तथा अपनी मातृभाषा में बोलकर लिख-पढ़ सकते है। आज सभी क्षेत्रों में दिन-प्रतिदिन मोबाइल के प्रयोग से हिन्दी का उपयोग और महत्व बढ़ रहा है। कार्यालयों के कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में आने वाली समस्याएं तो दूर होंगी साथ ही साथ राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने नराकास के लिए हिन्दी पत्रिका के प्रकाशन का सुझाव दिया।
परमाणु ऊर्जा खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, पूर्वी क्षेत्र, जमशेदपुर के विज्ञानी-जी, डॉ बिश्वजीत पाणिग्रही ने कहा कि सरकारी कामकाज में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करें। सरकारी कामकाज में सरल व आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग करें जिससे अधिक से अधिक लोग उसे आसानी से समझ सकें। राजभाषा हिन्दी ही वह भाषा है जिसे अधिक से अधिक लोग बोल व समझ सकते हैं। राजभाषा हिन्दी भारत की विविध सांस्कृति एवं भौगोलिक परिवेश को भाषा के माध्यम से अपने वैभव बिखेरती हुई अनेक भारतीय उपभाषाओं को समेटे हुए समुद्र की तरह विशाल दिखती है।
भारत संचार निगम लिमिटेड, जमशेदपुर के उप महाप्रबन्धक आरके सिंह ने कहा कि जब हम अपनी भाषा के प्रति प्रेमभाव रखकर उसे सीखने तथा समझने का प्रयास करेंगे तो अनायास ही हम सभी को राजभाषा हिन्दी सरल व सुबोध लगने लगेगी। कार्यालयों के कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में आने वाली समस्याएं तो दूर होंगी साथ ही साथ राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैंक ऑफ इंडिया, आंचलिक कार्यालय, जमशेदपुर के आंचलिक प्रबन्धक पंकज कुमार मिश्रा ने कहा कि उनके बैंक द्वारा हिन्दी में कार्य का सम्पादन काफी बढ़ा है। हमारे बैंको द्वारा प्रायः सारे पत्राचार हिन्दी में किए जाते हैं। हिन्दी में सोचना और लिखना बहुत आसान है। उन्होंने नराकास के लिए कई कार्यक्रमों के आयोजन में सहयोग करने का आश्वासन दिया।
त्रैमासिक रपट की समीक्षा वरिष्ठ प्रबन्धक, केनरा बैंक गुड्डी रजक द्वारा किया गया।
भारत सरकार द्वारा निर्धारित वार्षिक कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा मौमिता दस, वरिष्ठ प्रबन्धक, बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रस्तुत किया गया।
सीएसआईआर- एनएमएल के प्लैटिनम जुबली वर्ष में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की कड़ी में लोकप्रिय हिन्दी नाटक “सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक” का मंचन प्रसिद्ध नाट्य निदेशक शिवलाल सागर के सफल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। अंत में धन्यवाद ज्ञापन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की राजभाषा प्रबन्धक, रिंकी पूर्ति द्वारा किया गया।