जमशेदपुर.
रंभा कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में बी एड के विद्यार्थियों के लिए मनोविज्ञान विषय के अंतर्गत लेक्चर सेशन का आयोजन किया गया. इस व्याख्यान सत्र में कोऑपरेटिव काॅलेज की व्याख्याता डॉक्टर अंशु श्रीवास्तव ने “किशोरावस्था के दौरान शिक्षा प्रदान करने में अभिभावक एवं शिक्षकों की सहयोगात्मक भूमिका” विषय पर विद्यार्थियों को व्याख्यान दिया.
डॉ. अंशु उन्होंने बताया कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच सदैव संपर्क और संवाद होना चाहिए. किशोरावस्था तनाव और उद्वेग की अवस्था है. ऐसी स्थिति में बच्चों के व्यक्तित्व का विकास तभी होगा जब अभिभावक और शिक्षक दोनों के बीच तालमेल बना रहेगा. विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के विकास में पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम और अतिरिक्त गतिविधियों की भी भूमिका होती है, इसलिए विद्यार्थियों को कक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेना चाहिए.
इस सत्र में स्वागत भाषण और धन्यवाद ज्ञापन दिया मनोविज्ञान विषय की व्याख्याता अमृता सुरेन ने छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. महाविद्यालय रंभा कॉलेज ऑफ़ एजूकेशन की तरफ से डॉक्टर अंशु श्रीवास्तव को प्रमाण पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर उनका अभिनंदन किया गया और बहुमूल्य समय देने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया.
इस अवसर पर कॉलेज के अध्यक्ष महोदय राम बचन जी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने से छात्रों की बौद्धिक क्षमता विकसित होती है. कॉलेज की प्राचार्या डाॅ कल्याणी कबीर ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से विद्यार्थियों में आत्म मूल्यांकन की क्षमता को बढ़ावा मिलता है. इस अवसर पर शिक्षा संकाय के डाॅ भूपेश चंद, डॉ दिनेश यादव, डॉ सतीश चंद्र, डॉक्टर गंगा भोला , शिक्षक अजय यादव एवं दोनों सत्रों के छात्र छात्राओं की उपस्थित रही.