- विकसित भारत संपर्क नाम से बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाट्सएप ग्रुप में भेजा गया मामला
- झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट अनुबंध शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर मोर्चा ने ग्रुप में भेजा सात पेज का पत्र
- पत्र में मोर्चा ने बताई अपनी व्यथा और लगाया अपने जीविकोपार्जन बचाने की गुहार
- संदेश में लिखा – भारत को विकसित बनाने के साथ साथ हम सबका भी कल्याण करने की कृपा करें आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र माेदी जी
जमशेदपुर.
झारखंड के अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित इंटरमीडिए प्रभाग में कार्यरत शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के समायोजन का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार के मुखिया रहे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन तक यह आश्वासन दे चुके हैं कि समायोजन होगा. लेकिन पिछले एक साल से शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का आंदोलन पत्राचार के माध्यम से जारी है, कोई ठोस कार्रवाई, पहल नहीं होने से सभी के सामने अपने जीविका छिनने का डर सताने लगा है. शिक्षा विभाग से लेकर राज्य सरकार तक पत्राचार करने से लेकर मोर्चा ने अलग अलग विधायकों तक भी अपनी समस्या लेकर पहुंचे हैं, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल रहा है. इधर मामला शिक्षा विभाग के सचिव के पास है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कमेटी बना कर मामले के निपटारों की बात कही थी, लेकिन बावजूद सचिव द्वारा अब तक कोई पहल नहीं करने से शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में निराशा है.
प्रधानमंत्री तक पहुंचाई अपनी आवाज
इधर मोर्चा व मोर्चा से जुड़े सदस्यों ने अपनी समस्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने का प्रयास किया है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बनाने का का दावा किए गए वाट्स ग्रुप विकसित भारत संपर्क में भी अपनी समस्या को प्रेषित करते हुए हो समाधान करने की बात कही है. सात पन्ने के पत्र में मोर्चा ने झारखंड में इंटरमीडिएट के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ किए जा रहे व्यवहार और जीविका पर लटक रहे तलवार से अवगत कराया है. साथ ही संदेश लिखकर कि भारत को विकसित बनाने के साथ साथ हम सबका भी कल्याण करने की कृपा करें आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र माेदी जी अपनी व्यथा को दर्शाया है.
यह है मामला
मालूम हो कि देशभर में नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद डिग्री कॉलेज में संचालित इंटरमीडिएट कॉलेज को बंद करना है. सत्र 2023-24 से ही इंटमीडिएट संभाग को बंद करने का निर्देश जारी हो गया था. लेकिन इंटर स्कूल, कॉलेज की समूचित व्यवस्था नहीं होने और छात्रों का समायोजन नजदीकी प्लस टू स्कूल, कॉलेज से नहीं होने के कारण इसे रोक दिया गया. लेकिन सत्र 2024-25 से दाखिला होगा या नहीं इसको लेकर संशय है. अगर दाखिला बंद होगा, तो इंटरमीडिएट संभाग भी बंद हो जाएगा. ऐसे में यहां पढ़ा रहे शिक्षक और कर्मचारी कहां जाएगा, इसको लेकर कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
कहीं के नहीं रह जाएंगे शिक्षक, कर्मचारी
झारखंड के डिग्री कॉलेजों में वर्षाें से इंटर की पढ़ाई हो रही है. इंटर के लिए काफी से अनुबंध पर ही शिक्षक कर्मचारी बहाल होते आ रहे हैं. झारखंड के 65 अंगीभूत महाविद्यालय में पांच हजार से ज्यादा शिक्षक कर्मचारी कार्यरत है, यह सभी अनुबंध पर है. सबसे बड़ी विडंबना है कि इन शिक्षक, कर्मचारियों को न तो किसी विश्वविद्यालय ने बहाल किया है और न ही जैक बोर्ड ने जिनके अधिन इंटरमीडिएट आता है. ऐसे में न तो कोई विश्वविद्यालय इन शिक्षक कर्मचारियों की जवाबदेही ले रहा है और न ही जैक बोर्ड. ऐसे में वर्षों से कार्यरत इन शिक्षक कर्मचारियों के पास न केवल जीविकोपार्जन का माध्यम है बल्कि अब वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. वहीं महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि अब जब उनके कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई ही नहीं होगी, तो वे इंटर के लिए बहाल शिक्षक, कर्मचारियों को किस आधार पर किस काम के लिए रखेंगे.
ये है मांग
शिक्षक और कर्मचारियों की मांग है कि इंटर की पढ़ाई डिग्री कॉलेजों में बंद होगी. लेकिन इसका दबाव प्लस टू स्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज में बढ़ेगा, जहां पहले से शिक्षक और कर्मचारियों की कमी है. ऐसे में उन्हें उन स्कूल और कॉलेज में समायोजित कर दिया जाए. ऐसे में इनके नौकरी जाने का मामला भी सुलझ जाएगा और प्लस टू स्कूल, कॉलेज में व्याप्त शिक्षकों की समस्या भी दूर हो जाएगी. मोर्चा की मांग है कि उनके शिक्षक, कर्मचारियों को किसी तरह समायोजित किया जाए. क्योंकि उनके परिवार चलाने के लिए और कोई रास्ता नहीं है शिक्षण कार्य अलावा.