- 1000 एसडीपी रक्तदान सम्पन्न होने की खुशी में काटा गया 10 पाउंड का केक
- सम्मानित किये गए एसडीपी रक्तदाता
- टीम पीएसएफ से जुड़े हैं 100 से ज्यादा नियमित एसडीपी रक्तदाता
जमशेदपुर.
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता- एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो. कुछ ऐसा ही भागीरथी प्रयास शहर की सामाजिक संस्था प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन (टीम पीएसएफ) ने कर दिखाया है. रक्तदान के प्रति लोगों में क्रांति लाने वाली टीम पीएसएफ ने सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान महा अभियान का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. टीम के निरंतर प्रयास से एसडीपी रक्तदान का 1000 का आंकड़ा 1075 से पूरा किया है. यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है. यह आंकड़ा संस्था के प्रयास के साथ शहर के लोगों को रक्तदान जीवनदाता की श्रेणी में सबसे आगे खड़ा करता है.
केक काट कर मनाई गई खुशियां
सबसे आकर्षण का केंद्र 1000 एसडीपी रक्तदान सम्पन्न होने की खुशी में काटा गया 10 पाउंड का केक रहा, जो सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था. क्यूं की केक कटिंग करते समय शुभ महालया पर ढाक के आवाज़ पर पूरा परिसर गूंज रहा था.
टीम पीएसएफ ने बनाई है अलग पहचान
हर-दिन कुछ नया करने का और शहर से लेकर सुदूरवर्ती गांव तक अपने सामाजिक दायित्व का निरंतर निर्वहन के चलते टीम पीएसएफ ने सभी के दिलों में एक अलग जगह बनाई है. जिसका एक पहलू है, सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान महा अभियान ( गम्भीर बिमारी जैसे कैंसर, डेंगू के लिए एक जीवनदाई वरदान साबित हुआ है.
टीम पीएसएफ के निर्देशक अरिजीत सरकार ने एक ज़िद के साथ संकल्प लिया था. ( जबकि उस वक्त एसडीपी रक्तदान के विषय में जागरूकता की भारी कमी थी, अनुमानित 40 मिनट से लेकर एक घंटे तक रक्तदाता को डोनेशन वेड पर रहकर रक्तदान करना पड़ता है. रक्तदान के पहले ही कई मानकों/ टेस्ट से गुजरना पड़ता है. जांच में खरा उतरने पर ही कोई एसडीपी रक्तदान कर पाते हैं. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य इसे पूर्व से तैयार कर के भी नहीं रखा जा सकता. अस्पताल में इलाजरत किसी जरूरतमंद के जरूरत पर, काफी कम समय पर रक्तदाताओं को ब्लड सेंटर पहुंचकर अपना रक्तदान करना होता है.
निश्चित तौर पर ऐसे रक्तवीर योद्धाओं का समाज के लिए एक बड़ा समर्पण है. अरिजीत सरकार कहते है ऐसी भी विपरीत परिस्थिति को उन्होंने देखा है, जब पूरा देश कोरोना, डेंगू जैसी भीषण महामारी के संकट से जूझ रहा था. उन्होंने कहा क्यों ना नमन करें ऐसे जीवनदाई भगवान का स्वरुप रक्तवीर योद्धाओं को, जिन्होंने आंधी, तुफान, वारिश, तपती गर्मी, अहले सुबह, मध्य रात्रि, सुनसान सड़क, लॉकडाउन, अपने जीवन और किसी भी परिस्थिति की परवाह किए बगैर, सिर्फ और सिर्फ मानव सेवा को ही सर्वोपरि रखते हुए, टीम पीएसएफ के आह्वान पर एक वीर जांबाज योद्धा की तरह हवा की भी तेज गति से, जमशेदपुर ब्लड सेंटर पहुंचकर रक्तदान कर जाते हैं.
अरिजीत बताते हैं कि कई रक्तवीर योद्धाओं के माता-पिता अपने योद्धा को रक्तदान करवाने के लिए रात के 12 बजे, घर के दरवाजे पर इंतजार करते हुए भी देखे गए हैं. यही झलक, यही संस्कृति, यही भाईचारा, एक इंसान का दूसरे इंसान के प्रति अपार प्रेम, हमारा जमशेदपुर शहर को पूरे भारतवर्ष में एक अलग पहचान दिलाया है. अरिजीत ने उन सभी संस्थाओं को आज नमन किया, जो इस अभियान को लेकर चल रहे है.
लगभग 100 से अधिक नियमित एसडीपी रक्तवीर योद्धा, टीम पीएसएफ के कार्य से प्रभावित होकर, नियमित रूप से एसडीपी रक्तदान कर रहे हैं. साधारण रक्तदान करने भी कई लोग पीछे हटते हैं. जिसमें अनुमानित 10 मिनट का ही वक्त लगता है. वहीं एसडीपी में एक घंटा का वक़्त लगता है, ऐसे में इन रक्तदाताओं को योद्धा कहना गलत नहीं होगा.
मौके पर वैसे एसडीपी रक्तवीर योद्धा जिन्होंने कम से कम 25 बार या उससे अधिक बार एसडीपी रक्तदान किया है. पहले एसडीपी/कुल रक्तदान लिखा है सभी को बारी बारी से सम्मानित किया गया. सार्थक कुमार अग्रवाल, कुमारेस हाजरा, उत्तम कुमार गोराई, धीरज कुमार, आनन्द प्रसाद, कमल कुमार घोष, डॉक्टर विनय कुमार सिंह, अजित कुमार भगत, अवधेश कुमार वर्मा, राकेश कुमार, शुभेंदु मुखर्जी, सुखविंदर पाल सिंह सग्गू, आनन्द मित्रा, प्रवीण कुमार, राजन बनर्जी, नागेश चौधरी, टी. दीपक, सुरेश शर्मा, अनुपम घोष, मनोरंजन गौड़, राजकुमार, रवि कुमार, अनिल प्रसाद, मिलन वेरा, मिलन सांतरा, जयदेव बनर्जी, विश्वजीत सरकार, विश्वजीत प्रामाणिक, मंटू सिंह मोदक को सम्मानित किया गया.
तत्पश्चात जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सम्मानित होने वाले पदाधिकारी, डॉक्टर्स एवं तकनीशियन के रूप में डॉक्टर लव बहादुर सिंह, जीएम संजय चौधरी, डॉक्टर रीता सिंह, डॉक्टर निर्जला झा, मनोज कुमार महतो, अनुप कुमार श्रीवास्तव, धीरज कुमार, धनंजय प्रसाद, शुभोजीत मजूमदार, चंदन कुमार, अभिषेक धर, स्वपन राणा, मोहन मंडल, आदित्य कुमार, सुबीर बनर्जी, सुदीप प्रामाणिक, रत्नेश कुमार सिंह, शिवा टूडू, शाहिद मुखी, राव बाबू एवं सुजीत मालाकार जी को भी सम्मानित किया गया.
एसडीपी रक्तदान इस महा अभियान में सहयोगी के तौर पर सहयोग प्रदान करने वाले उदगम के संरक्षक अमित सिंह उर्फ बॉबी सिंह, श्री शनिदेव भक्त मंडली ट्रस्ट के देवव्रत घोष, नमों फैन्स क्लब के सतीश शर्मा, बीएसएसआर यूनियन के देवी प्रसाद दास, आनन्द मार्ग के सुनील आनंद, नई जिंदगी के राजेश मार्डी, वीबीडीए के संस्थापक सुनील मुखर्जी, जुगसलाई के धोनी उर्फ आशीष अग्रवाल, समाजसेवी सह प्रशासनिक पदाधिकारी के तौर पर रजनीश को सम्मानित किया गया.
आज सभी सम्मानित योद्धाओं को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. इस पावन बेला पर इन सभी वीरों को सम्मानित एवं एक जोश प्रदान करने हेतु उपस्थित रहे एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट मृत्युंजय कुमार, जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सचिव नलिनी राममूर्ती, डॉक्टर लव बहादुर सिंह, अमिताभ चटर्जी मौजूद रहे.