- डिग्री कॉलेजों में इंटर के दाखिला को लेकर चल रहा गतिरोध दूर हुआ
- मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कॉलेजों में दाखिला की तैयारी, नोटिफिकेशन मिलने का इंतजार
- इधर बेरोजगार होने की आशंका से भयभित शिक्षक, कर्मचारियों ने अपने समायोजन को लेकर रखी मांग, जतायी संभावानाएं
- झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक और शिक्षाकेत्तर कर्मचारी मोर्चा पिछले कई दिनों से समायोजन की मांग को लेकर है आंदोलनरत
- काला बिल्ला लगाकर काम करने का विरोध समाप्त
जमशेदपुर.
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पर रोक पर फिलहाल विराम लगा दिया गया है. झारखंड सरकार ने राज्य के छात्रों के हित में यह फैसला लेते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री के इस आदेश से 10वीं पास विद्यार्थियों में काफी खुशी है जो इंटर में दाखिला के लिए भटक रहे थे. इधर दूसरी ओर कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने से शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सामने बेरोजगारी का भय मंडरा रहा है. इस बीच झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक और शिक्षाकेत्तर कर्मचारी मोर्चा ने मुख्यमंत्री के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए स्वागत किया है. साथ अपने समायोजन की संभावानाएं भी जतायी है.
मोर्चा ने खुशी जाहिर कर किया फैसले का स्वागत, समायोजन की जतायी संभावानाएं
झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट शिक्षक और शिक्षाकेत्तर कर्मचारी मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षक समाज और देश की भलाई के लिए हमेशा जागरूक और तत्पर रहते हैं. अब सरकार पर है कि जल्दी नामांकन के साथ इंटरमीडिएट कॉलेज की स्वीकृति जैक से ली जाए हमारी सेवा का सामंजन हो, नियमितीकरण हो. शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को उचित वेतन और भत्ता दिया जाये. मोर्चा सरकार के आगामी कदम की प्रतीक्षा में है. इसके बाद मिल बैठकर संघ के अगले कदम पर विचार किया जायेगा. इंटर के शिक्षक, कर्मचारी जो पिछले दिनों से काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे थे, तत्काल से मोर्चा ने इस विरोध को तब तक के लिए वापस ले लिया है जब तक उनके समायोजन की मांग पर विचार किया जा रहा है. मार्चा ने इसके साथ ही संघर्ष में साथ देने वाले राज्यपाल, विधायक, सांसद, जनप्रतिनिधि व मीडिया के प्रति आभार व्यक्त किया है. मोर्चा के प्रदेश कमेटी की अध्यक्ष शालिनी नाग, महासचिव डॉ रामानुज पांडे, कोषाध्यक्ष अंजनी कुमार झा ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बात कही है.
आगे क्या :
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत हर हाल में डिग्री कॉलेजों से इंटरमीडिएट को बाहर करना है. देश के अन्य कई राज्यों में यह नियम प्रभावी हो चुका है. इसी के तहत झारखंड में भी लागू कर दिया गया था. लेकिन झारखंड में सरकारी प्लस टू स्कूल और इंटर कॉलेजों की इतनी संख्या नहीं है कि जैक बोर्ड से 10वीं पास सभी विद्यार्थियों का दाखिला हो सके. ऐसे में 10वीं का परिणाम आने के बाद से विद्यार्थी दाखिलाके भटक रहे थे. झारखंड सरकार ने इन सभी समस्या और मिल रही जानकारी के बाद सत्र 2023-25 के लिए डिग्री कॉलेजों में दाखिला लेने का निर्देश जारी किया है. इन दो वर्ष में सभी कॉलेजों को सरकारी प्लस टू स्कूलों से मैपिंग कराना अनिवार्य होगा. दूसरी ओर इन दो वर्षों में राज्य के सभी प्लस टू स्कूलों में संसाधन, बिल्डिंग, शिक्षक विद्यार्थी के अनुपात पर भी गंभीरता से काम करना होगा.