- जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की रखी गई मांग
जमशेदपुर.
कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (टाकू) का प्रतिनिधि मंडल उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन से अपने विभिन्न मांगों को लेकर मिला. इस औपचारिक मुलाकात के दौरान शिक्षकों ने अपनी दो अलग-अलग मांग पत्र मंत्री सौंपते हुए इसे पूरा करने का अनुरोध किया. मांग में मुख्य रूप से कोल्हान विश्वविद्यालय में वर्ष 2022 एवं उसके बाद योगदान देने वाले शिक्षकों को प्रावधान के अनुरूप वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने एवं उनके वेतन निर्धारण के लिए उचित अनुशंसा करने, नियमित शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू करने, राज्य कर्मियों की तरह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने, शिक्षकों को पदोन्नति देने एवं अन्य समस्याओं के निराकरण की मांग मुख्य है.
को-ऑपरेटिव कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की रखी गई मांग
मंत्री चंपई सोरेन से मिलने वालों में शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ-साथ जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के शिक्षक भी शामिल थे. शिक्षकों ने कोऑपरेटिव कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की मांग रखी. उन्होंने हर बिंदु पर यह बताया कि कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की बहुत पुरानी मांग है और यह हर तरह की जरूरी मुलभुत सुविधाओं को पूरा करता है. मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह अपने कार्यकाल में इसको लेकर सकारात्मक पहल करेंगे.
प्रतिनिधि में ये थे शामिल
मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में संघ के महासचिव प्रोफेसर इंदल पासवान, सचिव डॉ अशोक कुमार रवानी, डॉ संजय यादव, डॉ प्रभात कुमार सिंह, डॉ अंतरा कुमारी, डॉ गजेंद्र सिंह, डॉ स्वाति सोरेन, डॉ शालिनी शर्मा शामिल थे.
ये है विभिन्न मांग.
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखण्ड सरकार ने ज्ञापांक सं० 2/वि.1-205/2017/319, दिनांक 07.02.2019 के माध्यम से राज्य के विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए सातवां वेतनमान का लाभ दिनांक 01.01.2016 से लागू करने की स्वीक्ति देने का संकल्प जारी किया है। उक्त संकल्प के कंडिका 7 (ii) में शिक्षकों के लिए प्रतिवर्ष 1 जनवरी या 1 जुलाई (जो लागू हो) वार्षिक वेतन वृद्धि देने का प्रावधान किया गया है। जिसका लाभ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को मिल रहा है।
- झारखण्ड लोक सेवा आयोग, राँची के अनुशंसा के उपरान्त वर्ष 2022 एवं उसके बाद कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा मुख्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में योगदान देने वाले सहायक प्राध्यापकों को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के उक्त संकल्प के अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि उन्हीं के साथ कोल्हान विश्वविद्यालय में वर्ष 2020 एवं 2021 में योगदान देने वाले शिक्षकों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिल रहा है। यहाँ संदर्भित करना है कि कोल्हान विश्वविद्यालय को छोड़कर राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में 2022 एवं उसके बाद योगदान देने वाले शिक्षकों को नियमानुसार वार्षिक वेतन वृद्धि प्राप्त हो रहा है।
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर विश्वविद्यालय शिक्षकों का वेतन निर्धारण किया जाता है। उसी संदर्भ में कहना है कि कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा में वर्ष 2022 एवं उसके बाद नियुक्त शिक्षको का सेवा संपुष्टि होने के बाद भी आज तक वेतन निर्धारण नहीं हो पाया है। विश्वविद्यालय सेवा के अनुसार शिक्षकों का तय समय पर वेतन निर्धारण अवश्य हो जाना चाहिए.
- झारखण्ड सरकार, वित्त विभाग, संकल्प सं० 9/ पें० (6)-04/2022-143/वि० पे०, राँची, दिनांक 05.09.2022 के द्वारा वर्तमान सरकार ने राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की घोषणा की है और राज्य के सभी विभागों के कर्मचारी इस योजना से लाभान्वित हो रहें हैं। परन्तु झारखण्ड सरकार का उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग जिसके मातहत झारखण्ड के राजकीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मचारी आते हैं, वहाँ अभी तक पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू करने संबंधी अधिसूचना या संकल्प जारी नहीं किया गया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय से प्राप्त निर्देश के आलोक में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा आवश्यक दस्तावेज एवं वित्तीय भार आदि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखण्ड सरकार को कई माह पूर्व समर्पित किया जा चुका है, लेकिन अधिसूचना अभी तक लंबित है।
- राज्य में विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) संबंधी अधिसूचना जारी नहीं होने से वर्ष 2004 के बाद नियुक्त बहुसंख्यक शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं। वर्ष 2008 में नियुक्त कई शिक्षक सेवानिवृत हो चुके हैं परंतु पेंशन संबंधी नियमावली के अभाव में सेवानिवृत शिक्षकों को पेंशन या मृत्यु उपरान्त उनके आश्रितों को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। फलतः ऐसे शिक्षक सेवानिवृत उपरान्त आर्थिक अभाव तथा बिमारी से जुझते हुए पेंशन की आश लगाए हुए है।
- वर्ष 2008 में नियुक्त शिक्षक (जिनको वर्ष 2012 में ही पदोन्नति मिल जानी थी) आज 16 साल बीत जाने के बाद एक भी पदोन्नति नहीं मिली है। पदोन्नति नहीं होने से राज्य में एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर की बहुत कमी है। फलतः विश्वविद्यालयों में सेवारत शिक्षक अपने ही राज्य के विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक पदों के लिए आवेदन तक नही कर पा रहे हैं। राज्य के उच्च शिक्षा के विकास के लिए समय पर शिक्षकों को पदोन्नति होना अति आवश्यक है।
- झारखण्ड सरकार ने ज्ञापांक सं० 13/आर-01-36/2012 (खण्ड) 185 (13), दिनांक 31.07.2023 के द्वारा राज्य कर्मियों/ सेवा निवृत कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने का संकल्प जारी किया है। उक्त संकल्प के आलोक में आपसे आग्रह है कि विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए भी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ देने की कृपा की जाए.