- विश्व आत्महत्या निषेध दिवस के उपलक्ष्य में टेल्को क्लब में कार्यशाला का आयोजन
- तनाव निवारण संस्था मुस्कान ने कार्यक्रम का किया आयोजन
जमशेदपुर.
हर खुशी को हम बांटते हैं, हर जरूरत पर जिद करते हैं, तो फिर क्यों हार जाने और कुछ खो जाने का डर हमे सभी से दूर कर देता है. आओ न बातें करें. ऐसा कोई सवाल नहीं जिसका जवाब नहीं, ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई समाधान नहीं. जिंदगी बहुत ही खूबसूरत है इसे गले लगाओ, आत्महत्या कोई विकल्प नहीं. कुछ ऐसे ही संदेश के साथ आज जमशेदपुर के टेल्को कॉलोनी स्थित टेल्को क्लब में तनाव निवारण संस्था मुस्कान ने कार्यशाला का आयोजन किया. विश्व आत्महत्या निषेध दिवस (10 सितंबर) के उपलक्ष्य में यह कार्यशाला स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गयी. इस कार्यशाला में शहर के करीब 20 स्कूलों के सैकड़ो विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
शामिल हुए टाटा कमिंस और टाटा मोटर्स के पदाधिकारी
इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि टाटा कमिंस के प्लांट हेड रामफल नेहरा, विशिष्ट अतिथि टाटा मोटर्स के एचआर हेड मोहन घंटा, ईआर सौमिक राय, सीएसएसबी कंसल्टेंसी के डायरेक्टर मानस मिश्रा, टाटा मोटर्स के एडमिन हेड वीएन सिंह, रजत सिंह स्कूलों के प्रिंसिपल और मानसी के सदस्य समेत अन्य पदाधिकारी ने दीप प्रज्जवलित कर किया. मौके पर मुख्य अतिथि रामफल नेहरा ने कहा कि आत्महत्या शब्द को समाज से मिटाना है. इस विषय मुस्कान बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है.
मैनेजमेंट गुरु चंदेश्वर खान ने छात्रों को तनाव कम करने के कई टिप्स बताएं और उनका उत्साह वर्धन किया.
मनोचिकित्सकों ने अनछुए पहलुओं पर रखी नजर
मुख्य वक्ता टाटा मोटर्स अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ अर्णव भटटाचार्य ने आत्महत्या के कारण एवं निवारण दोनों पर अपना वक्तव्य रखा. साथ उन्होंने देश में इस वर्ष आत्महत्या के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उस संदर्भ में किए जा रहे बचाव कार्य की चर्चा भी की. उन्होंने बताया कि कोटा शहर जहां बच्चे जिंदगी बनाने जाते है, वहां असफलता का डर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाता है. यही कारण है कि कई बच्चे यह गलत कदम उठा लेते हैं. उन्होंने इसमें मानसिक दबाव पर भी चर्चा करते हुए इससे निपटने की जानकारी दी.
साइकोलॉजिस्ट डॉ सुदेशना दास ने छात्रों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से बचने के कई उपाय बताएं, कहां जीवन अनमोल है मन में किसी प्रकार के गलत विचार आने पर दोस्तों अथवा परिवार के लोगों से जरूर बात करें, इससे तनाव कम होगा. उन्होंने बताया कि हर उम्र में किसी विशेष के प्रति एट्रेक्शन हो जाता है और फिर उसे खो जाने का डर हमें सुसाइड जैसे विकार की ओर खिंच ले जाता है, जाे गलत है. डॉ सुदेशना ने कहा कि बस इसी वक्त हमें अपने आप को अलर्ट करना है कि नहीं यह गलत स्टेप है. मुझे तो जीना है. यह सोच लाने पर कभी भी कोई आत्महत्या नहीं करेगा.
बच्चों ने आयोजित किया सांस्कृतिक कार्यक्रम
मुस्कान ने जारी कर रखा है 24 घंटे नि:शुल्क हेल्पलाइन नंबर
मौके पर तमाम अतिथियों को मुस्कान की ओर से आकर्षक स्मृति चिन्ह लेकर अभिनंदन किया गया. तनाव निवारण संस्था मुस्कान के हेल्पलाइन नंबर 8092867918 पर 24 घंटे निःशुल्क (गोपनीय) परामर्श ले सकते है. कार्यक्रम का संचालन उदय चंद्रवंशी, स्वागत मुस्कान के महासचिव काउंसलर बिजेंद्र कुमार और धन्यवाद ज्ञापन राजकुमार ने किया. इसे सफल बनाने में मुख्य रूप से मुस्कान के अध्यक्ष शशि मिश्रा, प्रदीप कुमार सिंह, लक्ष्मण प्रसाद, राज कुमार सिंह, बबलू चौबे, संजय प्रसाद, अनिल गिरी, श्याम सुंदर पांडेय, धनंजय कुमार, दुलाल चंद्र पति, योगेश पांडेय, विकास श्रीवास्तव अन्य शामिल रहे.
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