– सभी स्कूलों ने अप्रैल के शुल्क के साथ वसूला एनुअल फी तो किसी ने बिल्डिंग, मेंटेनेन्स के नाम पर लिया दुगुना शुल्क
– अंकित आनंद ने विलंब से फीस जमा करने पर एक अभिभावक से 17000 शुल्क मांगे जाने पर की शिकायत
झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने पिछले दिनों विधानसभा में निजी स्कूलों द्वारा वसूले जा रहे मनमाने शुल्क पर उठाये गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा था कि राज में निजी विद्यालयों की मनमानी नहीं चलेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि हर जिले में फिर निर्धारण समिति बनाई जाएगी और मनमाने या गैर जरूरी स्कूल वसूली पर कार्रवाई की जाएगी. मंत्री द्वारा सदन में दिया गया बयान महज बयान ही रह गया. झारखंड राज्य के अधिकांश निजी विद्यालयों ने अप्रैल माह के फीस के साथ पूर्व वर्षों की तरह री एड्मिशन, एनुअल फी अन्य शुल्क भी वसूल कर लिया है. वहीं हजारों ऐसे अभिभावक हैं जो शुल्क में कमी होने का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे अभिभावकों को अब यह डर सता रहा है कि कहीं शुल्क में कमी नहीं की गई तो उन्हें फाइन के साथ और भी ज्यादा शुल्क देना पड़ जाएगा.
अब तक नहीं बनी समिति
निजी विद्यालयों द्वारा फीस लिए जाने पर उनकी मनमानी पर रोक लगाने को लेकर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने विधानसभा में कहा था कि अब मनमानी नहीं चलेगी. हर जिले में समिति बनाने की बात कही गई थी, समिति बनी या नहीं अब तक इसको सार्वजनिक नहीं किया गया है. समिति खुद जांच करेगी, यह भी कहा गया था, लेकिन सब हवा हवाई साबित हो रहा है. समिति में पदेन डीसी, डीएसई, डीईओ होने जबकि अभिवावकों और निजी विद्यालयों की ओर से प्रतिनिधि बना कर समिति गठित करना है. अब तक समिति ही नहीं बनी है तो शुल्क का निर्धारण कब होगा.
निजी स्कूलों में री एडमिशन के नाम फीस वसूली की शिकायत पर होगी कार्रवाई: शिक्षा मंत्री
अंकित आनंद ने की शिकायत
निजी स्कूल बना ‘बैंक’? फीस में चक्रवृद्धि ब्याज वसूली पर भाजपा नेता अंकित आनंद ने शिक्षा मंत्री से किये तीखे सवाल, उपायुक्त से कार्रवाई की माँग
जमशेदपुर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल द्वारा विलंब से फीस जमा करने पर एक अभिभावक से 17000 चक्रवृद्धि ब्याज के रूप में वसूले जाने का मामला सामने आया है। इस गंभीर प्रकरण पर भाजपा नेता अंकित आनंद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
अंकित आनंद, जो ‘शिक्षा सत्याग्रह’ नामक संगठन के माध्यम से लंबे समय से अभिभावकों के हितों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ने सोशल मीडिया पर लिखा, “क्या स्कूलों को बैंकिंग का लाइसेंस मिला है? फीस में चक्रवृद्धि ब्याज वसूलना अवैध और अमानवीय है.” उन्होंने शिक्षामंत्री रामदास सोरेन और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को टैग कर जांच समिति गठित करने और कार्रवाई के आदेश जारी करने की मांग की.
प्रशासन हरकत में आया
अंकित आनंद के अनुसार जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष पांडेय ने बताया कि मामले में आरटीई सेल ने संज्ञान लिया है और संबंधित स्कूल को नोटिस जारी कर दिया गया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि यह प्रावधान स्कूल द्वारा वापस लिया जाएगा. साथ ही इसे आगामी जिला स्तरीय फीस समिति की बैठक में प्रमुख मुद्दे के रूप में रखा जाएगा और दोषी स्कूलों पर जुर्माना लगाया जाएगा.