- सुर्खियों में रही ममता प्रियदर्शी और चर्चा में रहा जमशेदपुर वन प्रमंडल
जमशेदपुर.
जमशेदपुर वन प्रमंडल के नए डीएफओ सबा आलम शुक्रवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिए. डीएफओ ममता प्रियदर्शी ने सबा आलम को पदभार सौंपा. मालूम हो कि वन पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी को पदोन्नती देते हुए हजारीबाग वन संरक्षक प्रादेशिक आंचल हजारीबाग बना कर भेजा गया है. वहीं जमशेदपुर के नए डीएफओ सबा आलम को इसके अतिरिक्त दलमा गज परियोजना और चाईबासा का प्रभार दिया गया है. सबा आलम ने आज दलमा रेंज के डीएफओ सह गज परियोजना के निदेशक अभिषेक कुमार से भी पदभार ग्रहण किया. मालूम हो कि अभिषेक कुमार का तबादला वन प्रमंडल लोहरदगा के पद किया गया है.
वनों का संरक्षण और संवर्धन मेरा लक्ष्य : आलम
जमशेदपुर वन प्रमंडल का प्रभार लेने के बाद सबा आलम ने मीडिया से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि वे पहले भी इस जिला में इसी पद पर काम कर चुके हैं. इसलिए यह शहर, जिला और यहां के जंगल उनके लिए नए नहीं है, लेकिन हां, इस बार पहले से ज्यादा ऊर्जा के साथ वनों के संवर्धन और संरक्षण करना उनका लक्ष्य होगा.
हाथियों से संबंधित समस्या का समाधान होगी प्राथमिकता
सबा आलम ने बताया कि हाथियों के मूवमेंट को लेकर जो समस्याएं हो रही हैं, उसका समाधान मेरी प्राथमिकता होगी. हाथियों से मानव को या मानव से हाथियों को क्षति ने हो इसके लिए व्यापक इंतेजाम किए जाएंगे. उन्होंने कहा क्यूआरटी टीम पूर्व से काम कर रही है. एलिफेंट कोरिडोर पर विशेष फोकस होगा.
वन आधारित रोजगार सृजन पर रहेगा फोकस
सबा आलम ने कहा कि वन क्षेत्र में कई सारे काम हो रहे हैं और वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामिणों के विकास और उत्थान के लिए भी सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं. उनका फोकस रहेगा कि वन आधारित रोजगार का सृजन करें साथ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारे. वर्तमान में जो भी काम किए गए हैं और जो अधूरे रहे गए हैं उसे सुरक्षित, संरक्षित करने के साथ पूरा करना लक्ष्य होगा.
सुर्खियों में रही ममता प्रियदर्शी
अगर वन विभाग जमशेदपुर प्रमंडल की बात करें, तो पिछले तीन वर्षों से यह काफी चर्चा में रहा. वन विभाग में पहले भी काम हुए या कार्यक्रम और घटनाएं होती रही, अफसर आए और गए भी. लेकिन ममता प्रियदर्शी के कार्यकाल में जमशेदपुर वन प्रमंडल काफी चर्चाओं में रहा और ममता प्रियदर्शी खुद भी काफी सुर्खियों में रही. अपने काम करने के स्टाइल से कहे या ऑफिस में अनुशासन के मामले में कहे वह सख्त रही. ममता प्रियदर्शी ने बतौर डीएफओ जो भी किया उसे बखूबी ढंग से प्रचारित और प्रसारित किया. कुछ लोगों का आरोप है कि काम से ज्यादा दिखावा किया गया. ममता प्रियदर्शी के कार्यकाल में ही मानगो पृथ्वी पार्क, नेचर पार्क, स्मृति पार्क बने. लेकिन इनके कार्यकाल में ही पार्कों की दुर्गती की भी चर्चा हुई. थीम पार्क आज तक जीर्णोद्धार का इंतजार कर रहा है. इसी बार पृथ्वी पार्क का जीर्णोद्धार भी कराया गया. पेड़ों की सुरक्षा को लेकर पेड़ों पर लगे विज्ञापन बोर्ड के खिलाफ चलाए गए अभियान को लोग याद करते हैं. पोटका के हरिणा मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का काम शुरू करना भी इनकी उपलब्धि रही. मानगो नेचर पार्क में धार्मिक आयोजन पर लगाई रोक को लेकर भी ममता प्रियदर्शी चर्चा में रही.
हाथियों की मौत की घटना से सवाल के घेरे में रही
ममता प्रियदर्शी के कार्यकाल में नौ हाथियों की मौत हुई. एक के बाद एक घटना का होना इनकी मुश्किलें बढ़ाता रहा, लेकिन यह घटना को रोक पाने में बहुत सफल नहीं रही. खेतों में हाथियों के झुंड का प्रवेश और करेंट की चपेट में आकर हुई मौत के मामले में ममता प्रियदर्शी सवालों के घेरे में भी रही. लेकिन किसी भी घटना के बाद तत्काल एक्शन में आने और घटना स्थल पर पहुंच जाना उनकी खासियत रही.