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साल 2024 के अंतिम दिन मंगलवार को बहरागोड़ा का प्रसिद्ध पिकनिक स्थल मेरु घाटी लोगों की चहल-पहल से गुलजार रहा. झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे और स्वर्णरेखा नदी के किनारे पिकनिक मनाते हुए पुराने साल को अलविदा कहा.
मेरु घाटी, जो बहरागोड़ा से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और स्वर्णरेखा नदी के लिए प्रसिद्ध है. यहां लोगों ने नदी में स्नान किया और वनभोज का आनंद लिया. बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी समूहों में यहां की मनोरम छटा का आनंद लेते नजर आए.
प्राकृतिक सौंदर्य बना आकर्षण का केंद्र
स्वर्णरेखा नदी के किनारे फैली हरियाली और पहाड़ियों के बीच स्थित मेरु घाटी ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया. प्रकृति प्रेमियों के लिए यह दिन खास रहा, जहां उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाई.
प्रशासन ने की सख्त सुरक्षा व्यवस्था
बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए थे। पुलिस बल तैनात था और स्पीड ड्राइविंग व नशे में धुत व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखी गई. प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि कोई अप्रिय घटना न हो और सभी लोग सुरक्षित तरीके से अपना दिन मना सकें.
पुराने साल को विदा, नए साल का स्वागत
मेरु घाटी ही नहीं, बहरागोड़ा के अन्य पिकनिक स्थलों पर भी भारी भीड़ देखने को मिली। लोग पुराने साल को खुशी और उत्साह के साथ विदा कर रहे थे और नए साल के स्वागत की तैयारियों में जुटे थे.
मेरु घाटी का पर्यटन महत्व बढ़ा
इस साल के अंतिम दिन मेरु घाटी में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी ने इस क्षेत्र के पर्यटन महत्व को और बढ़ा दिया है. यह स्थल न केवल स्थानीय लोगों बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों के लिए भी पसंदीदा गंतव्य बन गया है.
साल का आखिरी दिन मेरु घाटी में उत्साह, उमंग और सुरक्षा के बीच बीता. स्वर्णरेखा नदी के किनारे परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताकर लोगों ने इसे यादगार बनाया। वहीं, प्रशासन की सख्ती और व्यवस्थाओं ने सुनिश्चित किया कि हर किसी का अनुभव सुखद और सुरक्षित रहे.