- ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क की ओर से नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी की जयंती 7 नवंबर से शुरू हुआ अभियान
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 2024 तक चलेगा अभियान
जमशेदपुर.
ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क की ओर से नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी की जयंती पर आज जमशेदपुर में प्रेस वार्ता कर कोल्हान क्षेत्र में राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना अभियान की शुरुआत की गई. प्रेसवार्ता का आयोजन पेंशनर्स कल्याण समाज, साकची, जमशेदपुर में किया. प्रेसवार्ता को साइंस फॉर सोसायटी, झारखंड के पदाधिकारियों के साथ अन्य प्रमुख विज्ञानकर्मियों ने संबोधित किया.
वैज्ञानिक चेतना अभियान से संबंधित मुख्य बातें
समाज में वैज्ञानिक मानसिकता का विकास, सामाजिक परिवर्तन एवं समतामूलक विविधतापूर्ण न्यायपूर्ण, तर्कशील समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय जनविज्ञान नेटवर्क /भारत ज्ञान विज्ञान समिति ने इसके लिए चार माह व्यापी राष्ट्रीय साइंटिफिक टेंपर अभियान चलाने का निर्णय लिया है. यह राष्ट्रीय अभियान विश्व के महान वैज्ञानिक मैडम क्यूरी के जयंती 7 नवंबर 2023 से शुरू होकर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 2024 तक चलेगा. उक्त निर्णय विज्ञान एवं वैज्ञानिक मानसिकता पर ऑल इंडिया पीपुल्स साइंस नेटवर्क द्वारा 11 एवं 12 अक्टूबर 2023 को महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक हरियाणा में आयोजित हिंदी भाषी राज्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय विशेष कार्यशाला में लिया गया. अभियान का उद्देश्य समाज में अवैज्ञानिक सोच में बदलाव तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास एवं विस्तार है. मालूम हो कि समाज में वैज्ञानिक मानसिकता के विकास को भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्यों की सूची में शामिल किया गया है. संविधान का अनुच्छेद 51ए (एच) के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे.
अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क / भारत ज्ञान विज्ञान समिति के इस राष्ट्रीय विज्ञान जागरूकता अभियान के तहत झारखंड समेत देशभर में मुख्य रूप से विज्ञान मेला, पोस्टर एवं स्लाइड प्रदर्शनी, विज्ञान प्रदर्शनी, कला जत्था एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधि, तथाकथित चमत्कारों का भंडाफोड़, वैज्ञानिकों, महापुरुषों की जयंती, स्मृति दिवस का आयोजन, व्याख्यान, फिल्म शो, सोशल मीडिया केंद्रित गतिविधियों आदि का आयोजन होगा. झारखंड में इसके आयोजन के लिए राज्य आयोजन समिति का गठन किया जाएगा जिसमें भारत ज्ञान विज्ञान समिति, साइंस फॉर सोसायटी, झारखंड एवं झारखंड साइंस फोरम समेत विभिन्न संगठनों की भागीदारी होगी. विभिन्न सामाजिक एवं जन संगठनों को शामिल कर इसे व्यापक रूप दिया जाएगा.
राज्य आयोजन समिति विभिन्न गतिविधियों के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर विज्ञानकर्मियों, विज्ञान संचारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन करेगी.
प्रशिक्षित विज्ञान संचारक एवं जन विज्ञान कार्यकर्ता समाज में इसे इस विभिन्न स्तरों पर आयोजित करेंगे. अभियान का आयोजन क्रमशः गांव, प्रखंड, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर होगा. यह स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ-साथ किसानों, मजदूरों, महिलाओं तथा समाज के अन्य कमजोर एवं वंचित समूहों तक जाएगा ताकि समाज, देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास एवं विस्तार का संवैधानिक लक्ष्य हासिल किया जा सके. यह समाज में व्याप्त मानसिक जड़ता, अवैज्ञानिक सौच, अंधविश्वास, क्षत्र विज्ञान, कुरीति, पाखंड, रूढ़िवादी परंपराओं एवं मूढ मान्यताओं पर तर्कसंगत विज्ञान परक समझ बनाने में मदद करेगा ताकि इन अवांछित, गलत प्रवृत्तियों से मुक्त संविधान सम्मत, बेहतर, आधुनिक एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सके.
साइंटिफिक टेम्पर अभियान की एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी होगी भारत की वैज्ञानिक विरासत को जानना और उसे आगे बढ़ाना ताकि लोगों में वैज्ञानिक सोच का विस्तार हो सके. इसके लिए विज्ञान और अपने वैज्ञानिकों को जानें ” नामक कार्यक्रम विशेष कर तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम स्कूल / कालेज के विद्यार्थियों और नौजवानों को सम्बोधित करेगा। किसान / मज़दूर के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ाने के लिए विज्ञान और उत्पादकता एवं सामाजिक न्याय को केन्द्र में रखकर कार्यक्रम तैयार किये गये हैं. आम लोगों की वैज्ञानिक सोच के विकास और सार्वजनिक जीवन में उसके विस्तार के लिए विज्ञान और वैज्ञानिक समझ को आजीविका, उत्पादन, पर्यावरण, रोज़मर्रा के सवालों से जोड़कर कार्यक्रम तैयार किये गये हैं. वैज्ञानिक चेतना के विकास के कार्यक्रम के तौर पर पुरुष प्रधानता / पुरुष वर्चस्व के विरोध और समतामूलक समाज के निर्माण पर विशेष बल रहेगा. वैज्ञानिक सोच, वैज्ञानिक पद्धति और वैज्ञानिक व्यवहार का आधार तर्क, विवेक, कारण और सबूत हैं. इसलिए वैज्ञानिक चेतना अभियान जनतांत्रिक और सेक्युलर सामाजिक प्रक्रिया है. इसलिए इस कार्यक्रम के द्वारा लोगों में जनतंत्र, संविधान, संवैधानिक संस्थायें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समझ विकसित करना है. साथ ही वैज्ञानिक सोच के ज़रिए लोगों की सृजनशीलता को गति देना भी इसके उद्देश्यों में शामिल है. साइंटिफिक चेतना अभियान 2023-24 को गाँव- गाँव तक पहुँचाने के लिए और जन विज्ञान संवाद के लिए विभिन्न माध्यम, जैसे पदयात्रा, कला जत्था, फिल्म, वाचन, पोस्टर, विज्ञान मेला, सोशल मीडिया, कर के देखो और जानो, विज्ञान प्रदर्शनी आदि को अपनाने की योजना है. यह अभियान आम जनता के लिए है और आम जनता की भागीदारी एवं सहयोग से इसे पूरा किया जायेगा.