– राज्य की राजधानी रांची में युवा नाट्य संगीत अकादमी के सौजन्य आयोजित 12वें छोटा नागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव में नाटक कसक की प्रस्तुति
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राजधानी रांची में युवा नाट्य संगीत अकादमी रांची द्वारा 27 से 30 मार्च तक चार दिवसीय 12वां छोटा नागपुर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव 2025 आयोजित किया गया। जिसमें पूरे देश से विभिन्न राज्यों के नाट्य दल अपने-अपने राज्य के भाषीय नाटय लेकर सम्मिलित हो नाटको की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर जमशेदपुर की युवा नाट्य दल गीता थिएटर भी अपने कलाकारों के साथ कसक नाटक की प्रस्तुति दिया। कसट नाटक की कहानी मजबूरियों एवं गरीबी के भव-सागर में फंसे अति-निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में रहने वाले कर्ज में डूबे बांसुरी बजाने वाले बुधवा, उसकी पत्नी सुगनी एवं उसके दो बच्चे फुलवा वं सोहन की व्यथा कथा है.
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कसक नाटक कर्ज में डूबे बांसुरी बजाने वाले बुधवा के गरीब परिवार की व्यथा पर आधारित है. जो गांव- गांव घुम बांसुरी बजा तथा गांव के ठाकुर के घर मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का जिंदगी बसर बहुत मुश्किलों से करता हैं जिस कारण अपने परिवार की खुशी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज तले डुब जाता है. हालांकि, कर्ज को लेकर सुगनी हमेशा अपने पति को बोलते रहती थी. लेकिन, पति हमेशा समय से कर्ज भर देने का हवाला देता रहता लेकिन एक दिन गांव का ठाकुर मौका देख पति बुधवा व बच्चो की अनुपस्थिति में सुगनी के घर पहुंच जाता है और अधिक कर्ज के कारण गांव के लोगों द्वारा बुधवा के साथ किए जा रहे व्यवहार और मानहानि की पूरी बात बता देता है जिसके कारण पत्नी सुगनी कुछ समझ नहुष पाती है और इस स्थिति कैसे बदला जा सकता है यह पूछने लगती है तब ठाकूर उस गरीब सुगनी के सामने कर्ज माफ कर देने का प्रलोभन देते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने एवं अपने परिवार को जहर दे मार देने की बात रखता है लेकिन, सुगनी के सामने पति व बच्चे दिखाई पड़ रहे थे वो अपने परिवार की खुशी और पति बुधवा को कर्ज़ मुक्त करने के लिए ठाकुर द्वारा दिए प्रस्ताव को मान लेती है पर अपनी इज्जत ठाकुर को देकर वो खुद से घृणा करने लगती है अतः अंत में विषाक्त पदार्थ खुद खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेती है।
छोड़ना पड़ा जब उस घर-आंगन, बरगद की छांव, पीपल की ठंडी हवा, बारिश में भीगी मिट्टी की सोंधी महक…..
नाटक का निर्देशन युवा थिएटर निदेशक प्रेम दीक्षित ने किया था। नाटक में बतौर मुख्य अभिनेत्री सुगनी की भूमिका गीता कुमारी, पति बुधवा की भूमिका प्रेम शर्मा, बेटी फुलवा सोनाक्षी प्रसाद , सोहन की भूमिका देवराज और नाटक के खलनायक ठाकुर की भूमिका में प्रेम दीक्षित तथा उनके साथ उनके दो चैले अंनत सरदार और राजा राव ने शानदार अभिनय किया।
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आपको बता दें कि उपस्थित दर्शक नाटक के दौरान रोते दिखे जिन्होंने नाटक की समाप्त के बाद सुगनी की अभिनय और दल मेहनत की बहुत प्रशंसा किया। जिस कारण से युवा नाट्य संगीत अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वहीं सचिव प्रेम दीक्षित ने कहा कि कल शाम 1 अप्रैल से शुरू होगा जिसमें शहर के अभिनय में रुचि रखने वाले युवा हिस्सा बन रहे हैं यह वर्कशॉप एक्टिंग के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित रहेगा इसमें अभिनय, संवाद, और मंच प्रदर्शन पर युवाओं को विशेष जानकारी दिया जाएगा एवम् श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले किन्हीं 05 प्रतिभागीयो को गीता थिएटर की ओर से दूसरे राज्यों में आगमी अखिल भारतीय नाट्य महोत्सव में हिस्सा बनने का शानदार मौका दिया जाएगा।