जमशेदपुर.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के पहले रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट (जेडब्ल्यूयूआरइटी)– 2023 का परिणाम जारी कर दिया गया है. कोल्हान क्षेत्र के साथ पूरे झारखंड की उच्च शिक्षा में पीएचडी करने को इच्छुक महिला अभ्यर्थियों को इसका बेसब्री से इंतजार था. मालूम हो कि इस पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट में कुल 90 अभ्यर्थी शामिल हुई थी. परिणाम में 60 अभ्यर्थियों को टेस्ट ‘सी’ के लिए सफल घोषित किया गया है. इस चरण में इन्हें सिनॉप्सिस प्रस्तुतिकरण और मौखिक परीक्षा का सामना करना होगा. विगत
पीएचडी में झारखंड के महिलाओं की सहभागिता बढ़ेगी : कुलपति
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कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता के अनुसार जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में पीएचडी शुरू करना इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि आसपास के कुछ राज्यों की यह पहली वीमेंस यूनिवर्सिटी है. पीएचडी में महिलाओं की भागीदारी राष्ट्रीय स्तर पर मात्र 16.6 प्रतिशत है तो झारखंड के जनजातीय बहुल क्षेत्र की महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. क्षेत्र की महिलाएं उच्च शिक्षा के लिए आज भी संघर्ष कर रही हैं. यदि महिला विश्वविद्यालय में पीएचडी के लिए शुरुआत होती है तो यह सीधे-सीधे महिलाओं की सहभागिता को बढ़ाता है. साथ ही, झारखंड के जनजातीय छात्राओं का प्रतिनिधित्व कर रहा यह विश्वविद्यालय यहां की छात्राओं को पीएचडी के लिए उच्चस्तरीय सुविधा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है. इसके लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल का गठन किया गया है जो गुणात्मक शोध को भी सुनिश्चित करेगी. कुलपति ने रिसर्च एडवाइजरी कमेटी (आरएसी), पीएचडी एंट्रेंस के लिए बनी कमेटी एवं परीक्षा विभाग को भी इस संबंध में पूरे वर्ष त्वरित गति से कार्य करने और पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट का शीघ्र परिणाम घोषित करने के लिए बधाई दिया है.
कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता
प्रथम जेडब्ल्यूयूआरइटी 2023 के लिए रिकॉर्ड संख्या में 29 मेधावी अभ्यर्थियों ने आवेदन किया
यूनिवर्सिटी के लिए एक महत्वपूर्ण और उत्साहजनक बात यह रही कि छूट प्राप्त अभ्यर्थियों की संख्या 29 थी. यह संख्या उन मेधावी अभ्यर्थियों की होती है जो नेट या जेआरएफ या एमफिल कर चुकी होती है. क्षेत्र के अन्य विश्वविद्यालयों से तुलना करने पर यह कहा जा सकता है कि यह एक रिकॉर्ड संख्या है क्योंकि एक साथ इतने मेधावी अभ्यर्थियों ने कहीं भी आवेदन नहीं किया था. यह सभी महिला अभ्यर्थी पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट में उत्तीर्ण 60 अभ्यर्थियों के साथ सीधे सीधे टेस्ट ‘सी’ में सहभागी बनेंगी अर्थात प्रथम जेडब्ल्यूयूआरइटी–2023 में कुल 89 अभ्यर्थी टेस्ट ‘सी’ में शामिल होंगी.
गुणात्मक शोध के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल का गठन हुआ
यूनिवर्सिटी ने पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट के परिणाम घोषित होने और औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत से पहले ही गुणात्मक शोध को लेकर प्रयास शुरू कर दिया है. चेयरपर्सन कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता व डायरेक्टर डॉ सुधीर कुमार साहू के नेतृत्व में रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल का गठन शोध से जुड़े बहुत सारे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया गया है. इसके द्वारा पीएचडी छात्राओं की सामान्य कठिनाइयों से लेकर विभिन्न औद्योगिक समूहों और उच्च स्तरीय तकनीकी संस्थानों से जुड़कर शोध परियोजनाओं के हिस्सा बनने तक का कार्य किया जायेगा. यूनिवर्सिटी ने इसके लिए कई संस्थानों और औद्योगिक समूहों से एमओयू किये हैं, जिनकी सहायता से यह सेल छात्राओं के गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य को सुनिश्चित करेगा. स्कॉलर्स को उच्चस्तरीय प्रयोगशाला सुविधा के साथ शोध के अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर पैकेज उपलब्ध कराया जायेगा. उदाहरण के लिए यूनिवर्सिटी ने शोध में साहित्य चोरी रोकने के लिए पहले से ही एंटीप्लेगरिज्म सॉफ्टवेयर ‘आवरिजिनल’ उपलब्ध करा दिया है. ऐसे ही साइंस और आर्ट्स दोनों ही क्षेत्रों के लिए जर्नल प्रकाशित करने को लेकर भी यूनिवर्सिटी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. हाल ही में कुलपति के निर्देश पर डॉ साहू के नेतृत्व में जर्नल को लेकर एक बैठक भी हुई, जो इस सेल के डायरेक्टर हैं. इस तरह यह सेल शोध पत्रों के प्रकाशन का भी मार्ग प्रशस्त करेगा.