बेराजगाी के भय में जी रहे डिग्री कॉलेज में संचालित इंटर प्रभाग में कार्यरत शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी
जमशेदपुर.
इंटरमिडिएट के शिक्षकों के पास रोजगार छीन जाने की स्थिति बन आयी है. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होने के बाद अब शिक्षकों के सामने यह स्थिति बन गयी है कि उनका भविष्य क्या होगा? इस मामले को लेकर झारखंड राज्य के 62 अंगीभूत डिग्री कॉलेज में संचालित इंटर में पढ़ाने वाले शिक्षक, शिक्षेत्तर जो संविदा पर कार्यरत हैं, वे सोमवार को रांची राजभवन के समक्ष धरना पर बैठ अपनी मांगों लेकर राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन सौंपा. वहीं इसी कड़ी में मंगलवाल को गिरीडीह परिसदन में गिरीडीह के विभिन्न कॉलेजों में संचालित इंटर प्रभाग के शिक्षक व कर्मचारियों ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अंर्पूणा देवी से मुलाकात कर अपनी मांगाें व समस्या को उनके समक्ष रखा और एक मांग पत्र भी सौंपा. झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंरमीडिएट अनुबंध शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री से मांग रखा कि झारखंड राज्य के डिग्री कॉलेजों के इंटर प्रभागों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों के सेवा में नियमितीकरण की जाये व वैकल्पिक व्यवस्था होने तक इंटर कॉलेजों में नामांकन, अध्यापन और शिक्षक कर्मचारियों की सेवा जारी रखी जाये. ज्ञापन सौंपने वाले में प्रतिनिधि मंडल के तौर पर संगीता सिंह, पूनम सिंह, अर्चना कुमारी, सुप्रिया कुमारी, महेश अमन, आकाश वर्मा, पवन कुमार मौजूद थे.
बिंदुवार ये रखी मांग
- उपर्युक्त विषय में ध्यान आकृष्ठ करते हुए विनम्र अपील और प्रार्थना है कि हम झारखंड राज्य के डिग्री कॉलेजों के इंटर प्रभागों में लगभग दो दशकों से कार्यरत शिक्षक, कर्मचारी नई शिक्षा नीति 2020 लागू किये जाने से संभावित बेरोजगारी के भंवर में पड़ गये हैं, जिससे हमारी सेवा समायोजन और इससे जुड़े सेवा हितों की रक्षा के उपाय तत्काल किये जाये.
- मालूम हो कि हमलोगों ने डिग्री कॉलेजों के इंटर प्रभागों के अत्यंत कठिन काल में, अल्प वेतन पर भी हम राज्य के शिक्षक – छात्र, अभिभावक और संबंधित जनसमुदाय की प्रभूत सेवा करते रहे हैं.
- मैट्रिक, सीबीएससी के परीक्षाफल प्रकाशन के बाद नये छात्रों का इंटर प्रभाग में नामांकन की अनिवार्यता समय की मांग है, क्षेत्र की आवश्यकता है और राज्य व्यापक शैक्षणिक हित का गंभीर मामला है.
- शिक्षकों, कर्मचारियों की आजीविका के समायोजन की वैकल्पिक भरोसामंद व्यवस्था किये जाने तक अध्यापन और व्यवस्था संचालन के लिए सेवा को जारी रखा जाये
- हमने इंटर शिक्षा के ढांचे को बचाये रखा है, शिक्षा की तारत्मयता कायम रखी है जिससे राजकोष के अरबों रूपये की बचत भी की है.
इन बिंदुओं पर ध्यान किया आकृष्ट
नयी शिक्षा नीति 2020 के लागू किये जाने पर नवम वर्ग में ही छात्र का पंजीयन होगा. मैट्रिक हट जायेगा. स्कूल से ही छात्र + 2 (टू) कर सीधे निकलेंगे और डिग्री में उसका नामांकन हो सकेगा. अभी के इंटर शिक्षा और इंटर प्रभाग समाप्त हो जायेगा. इस स्थिति में अभी कार्यरत इंटर के शिक्षक, कर्मचारी बरोजगार हो जायेंगे उन्हे भयानक जीवन स्थिति का सामना करना पड़ेगा. रोजी-रोटी से वंचित उनका परिवार अत्यन्त संकटग्रस्त हो जायेगा. बाल-बच्चों का पालन-पोषण, शिक्षा सब खत्म हो जायेगा. अधिक उम्र हो जाने के कारण अन्यत्र नौकरी भी नहीं मिल पायेगी. शिक्षकों ने सेवा का +2 स्कूलों में समायोजन करने की मांग रखी. लिखा है कि उनकी सेवा – हितों की रक्षा की जाये और + 2 स्कूलों के समकक्ष सेवकों के बराबर रखा जाय.