– महिला दिवस पर वरीय पत्रकार, लेखिका अन्नी अमृता की कलम से ये कविता
अन्नी अमृता, जमशेदपुर.
क्योंकि तू नारी है
तू हर मुश्किल को हटाती है
हर दुख दर्द से लड़ जाती है
क्योंकि तू नारी है
क्योंकि तू नारी है
मन में अरमान है, पर परिवार के लिए
मन मसोरकर रह जाती है
क्योंकि तू नारी है
क्योंकि तू नारी है
ठान ले अगर कुछ भी
तो तू सब पर भारी है
क्योंकि तू नारी है
क्योंकि तू नारी है
—अन्नी अमृता