- उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल कुमार पुरवार के बयान का विरोध
- झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ ने जताई आपत्ति
जमशेदपुर.
झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने एक बयान जारी कर कहा है कि दिनांक 12 जनवरी को उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल कुमार पुरवार ने पत्रकार वार्ता में एक बात कही है कि अतिथि शिक्षकों को भी अब नीड बेस्ड के नाम से जाना जाएगा जो आपत्ति योग्य है. यह बयान निंदनीय है.
राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि जब घंटी आधारित शिक्षकों का नाम आवश्यकता आधारित करने का निर्णय झारखंड कैबिनेट ने किया है तो अतिथि शिक्षकों का नाम प्रधान सचिव बिना कैबिनेट के निर्णय के कैसे कर सकते हैं. हम आवश्यकता आधारित शिक्षकों को अतिथि शिक्षकों के बेतन बढ़ाने से कोई आपत्ती नही है लेकिन जब दोनों की नियुक्ति का पैमाना अलग अलग है तो नाम एक कैसे हो सकता है.
पूर्व में घंटी आधारित वर्तमान में आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति सरकार के संकल्प के बाद विश्वविद्यालयों द्वारा विज्ञापन जारी कर यूजीसी के मापदंडों को पूरा करते हुए किया गया था जबकि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में इन नियमों का पालन नहीं किया गया था. फिर दोनों को एक पहचान कैसे संभव है? सरकार के अधिकारी जब कोई बात पत्रकार वार्ता में करते हैं तो उन्हें उसके विषय में संपूर्ण जानकारी रख कर करना चाहिए.
राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री हेमंत सोरेन जी से मिलकर इस विषय पर चर्चा करेगी.