- कोल्हान विवि के स्नातक सेमेस्टर एक की परीक्षा के प्रश्न पत्र में गड़बड़ी
- गुरुवार को एनवॉरमेंट साइंस की परीक्षा के प्रश्न पत्र से हिंदी के सवाल गायब मामले के दूसरे दिन भी डिजिटल एजुकेशन विषय के प्रश्न पत्र में नहीं दिए गए हिंदी में सवाल
जमशेदपुर.
कोल्हान विश्वविद्यालय में अंग्रेजियत हावि है. विवि ने शायद यह मान लिया है कि यहां के कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चे अंग्रेजी में पारंगत हो गए हैं और अब यहां हिंदी भाषा की आवश्यकता नहीं है. भले ही अपने देश की मातृभाषा और राजभाषा हिंदी हो, लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय ने अपने परीक्षा प्रक्रिया से हिंदी को गायब कर दिया है. अब यहां के परीक्षा के प्रश्न पत्र अंग्रेजी में जारी किए जा रहे है. यह गलती है या किसी की साजिश? इसका सटिक जवाब विवि के अधिकारियों के पास नहीं है. आज लगातार दूसरे दिन भी कोल्हान विवि के स्नातक सेमेस्टर 1 की चल रही परीक्षा में प्रश्न पत्र अंग्रेजी में ही था, जिसमें हिंदी के सवाल गायब थे. आज डिजिटल एजुकेशन विषय की परीक्षा थी. जब विद्यार्थियों के हाथों में प्रश्न पत्र आया, तो वे फिर से गुरुवार की तरह परेशान हो गए और शिक्षक अंग्रेजी के सवालों के ट्रांसलेट करने में व्यस्त हो गए.
परीक्षा नियंत्रक का फोन आया बंद
दूसरे दिन भी प्रश्न पत्र हिंदी में सवाल के नहीं होने के संबंध में जानकारी लेने के लिए कैंपस बूम ने कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से संपर्क करने का प्रयास किया. लेकिन उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आया. वहीं विवि के प्रभारी कुलपति को फोन करने उनसे बात नहीं हो पायी.
महज गलती या साजिश
परीक्षा के प्रश्न पत्र को तैयार करने वाली टीम ने जब प्रश्न पत्र का अंतिम प्रारूप तैयार किया, तो क्या उस वक्त यह ध्यान नहीं दिया गया कि सवाल हिंदी में है या नहीं. परीक्षा नियंत्रक ने गुरुवार को सफाई दिया था कि प्रिंटिंग प्रेस की गलती हो सकती है, तो क्या प्रिंटिंग प्रेस में ही सवाल सेट होते हैं कि उसकी जिम्मेदारी है सवाल को देखना? यह तथ्य हीन जवाब है. विवि प्रिंटिंस प्रेस का जिम्मा महज प्रश्न पत्र को छापना है न कि प्रश्न पत्र को तैयार करना. ऐसे में प्रश्न पत्र से हिंदी गायब होने का यह मामला बड़ी गड़बड़ी का हो सकता है. ऐसे मामले को विवि प्रबंधन को गंभीरता से लेनी चाहिए. अगर जांच कराई जाए तो इसके असल दोषी या मूल कारण सामने आ सकता है. हल्के में लेने से आने वाले समय में गड़बड़ी बढ़ने का मौका मिलेगा, जिसके कारण विवि को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है.