– तकनीकि हस्तांतरण के माध्यम से ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा
जमशेदपुर.
राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर ने विशाखपट्टनम स्थित मेसर्स ईयन्तरम वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक ऐतिहासिक करार किया है, जिसके तहत तकनीकि हस्तांतरण के माध्यम से ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा और प्लांट में रिसाइक्लिंग के द्वारा खराब हो चुके प्रिंटेड सर्किट बोर्ड का प्रोसेसिंग करके कीमती एवं बहुमूल्य धातुओं कॉपर, अल्यूमिनियम और गोल्ड इत्यादि का निष्कर्षण करेगा।
यह समझौता सोमवार को हुआ और इस करार से ईयन्तरम वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, “ज़ीरो वेस्ट” कंसेप्ट पर काम करेगा, जिससे पर्यावरण पर कम दबाव पड़ेगा और असंगठित क्षेत्र को संगठित करके कचड़ा उठाव एवं निस्तारण की प्रक्रिया में सुधार होगा। तकनीकी पर्यावरण अनुकूल हैं एवं इसके सही निस्पादन से पर्यावरण स्वच्छ होगा, बेरोजगार युवकों को नौकरी मिलेगी एवं असंगठित इकाई संगठित होकर कचड़ा उठाव एवं निस्पादन इस प्लान्ट के द्वारा कर सकेंगे। मुनिसिपल इकाई भी इस कंपनी से संपर्क कर कचड़ा निस्पादन कर पाएंगे।
इस मौके पर एनएमएल, जमशेदपुर के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, परियोजना प्रमुख डॉ. मनीष कुमार झा, प्रभाग प्रमुख डॉ. संजय कुमार, डॉ. झुमकी हैत, डॉ. अंकुर शर्मा एवं टीम शोधार्थी डॉ. रेखा पांडा, सुश्री करीना रानी ने करार में अपना योगदान दिया। इनके अलावा व्यापार प्रमुख डॉ. एस. के. पाल और डॉ. बीणा कुमारी तकनीकी हस्तांतरण डोकुमेंटेसन करवाने में अपना सहयोग किया। डॉ. अंजनी कुमार साहु ने एमओयू सम्बन्धित कार्यों में एवं रिसाइक्लिंग के क्षेत्र में भारत मे भावी संभावनाओं की ओर प्रेस एवं मीडिया को इंगित किया।
ईयन्तरम वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में एनएमएल की तकनीक से खराब हो चुके प्रिंटेड सर्किट बोर्ड का होगा निष्पादन चीन, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया सहित कई विकसित देशों की तरह अब भारत भी ई-वेस्ट का निष्पादन करेगा। इसके लिए एनएमएल ने तकनीक विकसित की है। राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) पहले भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरा निष्पादन के लिए तकनीक विकसित कर चुका है। ईयन्तरम रिसाइक्लिंग कंपनी में एनएमएल की तकनीक की बदौलत खराब हो प्रिंटेड सर्किट बोर्ड की रिसाइक्लिंग कर कीमती एवं बहुमूल्य धातु जैसे गोल्ड, कॉपर और अल्युमीनियम इत्यादि निकाल सकेगी।
ई-कचरे का निष्पादन होगा। इस तकनीक की मदद से यह कम्पनी अलौह धातु जैसी कीमती धातुओं का भी निष्कर्षण करेगी। ऐसी कंपनियों की स्थापना से शिक्षित बेरोजगारों को काम मिलेगा। इसका फायदा नगर निकायों के द्वारा भी उठाया जा सकता है।
एनएमएल के अनुसार यदि ई-कचरे की मात्रा इसी तरह दिनोंदिन बढ़ती गई तो भविष्य में इलेक्ट्रोनिक वेस्ट से निकलने वाली भारी धातु एवं अन्य प्रदूषित पदार्थ मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
सम्माननीय वक्तव्य
मेसर्स ईयन्तरम वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, विशाखपट्टनम, के निदेशक श्री आशीष लोहिया अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए अब ई-कचरा रिसाइक्लिंग के व्यवसाय में प्रवेश कर रहे हैं। सीमित प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक चिंता को ध्यान में रखते हुए, श्री आशीष लोहिया ने कहा कि, “प्रदूषण मुक्त समाज बनाने के साथ-साथ भावी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करके देश की सेवा करने के लिए ई-कचरा रिसाइक्लिंग तकनीक लेकर एवं सीएसआईआर-एनएमएल, जमशेदपुर का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।”
एनएमएल, जमशेदपुर के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, ने खुशी व्यक्त की और कहा कि, “एनएमएल ने कई स्वदेशी तकनीकें भारतीय कम्पनियों को हस्तांतरित की हैं और आशा है कि भविष्य में हम भारत को ई-कचरा मुक्त समाज बनाने के लिए और अधिक से अधिक करार करेंगे।“
परियोजना प्रमुख और मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. मनीष कुमार झा ने कहा कि, मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है जब मैं और एनएमएल की टीम भारत सरकार के स्वच्छता मिशन के अनुरुप काम कर रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र की तमाम कंपनी हमारे तकनीकी से प्रसन्न है। तकनीक के सही निस्पादन से पर्यावरण स्वच्छ होगा और बेरोजगार युवकों को नौकरी मिलेगी