- छात्र अमर तिवारी ने भारत सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग एवं झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग को ऑनलाइन शिकायत की
- बिन किताबों और कार्ड के इंटरमीडिएट के छात्रों से लाइब्रेरी कार्ड का पैसा लिए जाने की भी शिकायत
जमशेदपुर.
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में संचालित इंटरमीडिएट की पढ़ाई तो हो रही है, लेकिन विद्यार्थियों को लाइब्रेरी से किताबें नहीं मिल रही है. तीनों संकाय में लाइब्रेरी कार्ड पिछले पांच सालों से ज्यादा समय से नहीं बन रहा है. इस मामले को लेकर छात्र अमर तिवारी ने भारत सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग और झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग को ऑनलाइन शिकायत कर मामले की जांच की मांग की है.
कॉलेज के छात्र सह अधिवक्ता अमर तिवारी शुक्रवार को को-ऑपरेटिव कॉलेज के लाइब्रेरी भवन में पहुंचे और इंटरमीडिएट के लाइब्रेरी कार्ड नहीं बनने पर सवाल पूछा तो जवाब में मिला कि इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए बुक नहीं है. कई सालों से और इस कारण सिर्फ आइडेंटी कार्ड ही बन पा रहा है. उनका लाइब्रेरी कार्ड नहीं बन रहा है.
कॉलेज के छात्र अमर तिवारी ने भारत सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग एवं झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग को ऑनलाइन शिकायत कर मामले की जांच की मांग की. शिकायत में बताया कि जिले के शिक्षा विभाग के अधीन जमशेदपुर को-ओपरेटिव कॉलेज में इंटरमीडिएट संकाय आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस के लगभग हर साल 2000 विद्यार्थी नामांकन लेते है. लेकिन कॉलेज के लाइब्रेरी में इंटरमीडिएट का बुक है ही नहीं.
शिकायत में लिखा गया है कि पांच वर्ष पहले इंटरमीडिएट की किताबें करीब हजारों की संख्या में थी. लेकिल वर्तमान किताबों का नहीं होना सवाल खड़ा करता है. अमर ने सवाल उठाया है कि जब लाइब्रेरी में किताबें नहीं है, तो लाइब्रेरी के नाम पर शुल्क क्यों वसूल किए जा रहा है. इस पूरे मामले में जांच की मांग शिकायतकर्ता ने की है.