चाईबासा:
कोल्हान विश्वविद्यालय के टाटा कॉलेज चाईबासा से 1.56 करोड़ रुपये अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आया है. विवि सूत्रों के अनुसार मामला जब सामने आया तो अब पूरे विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया है. आनन फानन में कोल्हान आयुक्त सह विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देश पर जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है, साथ ही मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली गई है. प्रथम दृष्टि यह मामला पूरी तरह से गलत तरीके से निकासी का है. राशि की निकासी कॉलेज के प्राचार्य सह विश्वविद्यालय के डीएसडबल्यू डॉ एससी दास और विवि के वित्त पदाधिकारी डॉ बीके सिंह के बगैर जानकारी निकासी की बात कही जा रही है. यह राशि कॉलेज के करेंट अकाउंट से दो अलग अलग कंपनी को भुगतान किया गया जिसमे एक ओड़िशा के कटक और रांची के किसी एजेंसी का नाम सामने आया है. खबर लिखे जाने तक विवि या कॉलेज के किसी जिम्मेदार अधिकारियों से बात नहीं हो पाई.
पीएनबी से 2 फरवरी को हुई है निकासी
टाटा कॉलेज चाईबासा का करंट अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक में है, 1.56 करोड़ की निकासी उसी बैंक के खाते से हुई है. इतनी बड़ी राशि की निकासी 2 फरवरी 2025 को ही की गई है, लेकिन इस बात का पता न तो प्राचार्य को हुआ और न ही विवि के वित्त पदाधिकारी को. यह मामला पूरी तरह से संदिग्ध है. मामला चेक के क्लोन, फर्जी हस्ताक्षर से भी जुड़ा है. मामले की निष्पक्ष जाँच होने पर कॉलेज, विवि और बैंक के अधिकारी भी घेरे में आ सकते हैं.
4.30 बजे बुलाई गई बैठक
जानकारी के अनुसार कोल्हान आयुक्त सह विवि के कुलपति को मामले की जानकारी मिलने पर उन्होंने मंगलवार को तत्काल शाम 4.30 बजे बैठक बुलाई और सभी अधिकारियों से पूछताछ की. लेकिन कॉलेज के प्राचार्य से लेकर वित्त पदाधिकारी ने राशि निकालने की जानकारी से इनकार किया. जानकारी के अनुसार बैठक में पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर भी थे, राशि की निकासी कैसे हुई इसका संतोषजनक जबाब उनकी ओर से नहीं दिया गया. जिसके बाद मामला और भी संदिग्ध हो गया है. अब इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज किये जाने की बात कही जा रही है.