– बरसोल के सांड्रा पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय झांझीया में परीक्षा का हुआ आयोजन
जमशेदपुर.
बरसोल के सांड्रा पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय झांझीया में साक्षर भारत मिशन के तत्वाधान में बुनियादी साक्षरता आकलन जांच परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा में झांझीया, सांड्रा, जगन्नाथपुर, कोकरोमरागाड़िया और चांडड़ा के दर्जनों महिला और पुरुष परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया।
परीक्षा का संचालन केन्द्राधीक्षक सह प्रभारी प्रधानाध्यापक आदित्य करण, झांझीया संकुल सीआरपी सपन कुमार दत्त, और वीक्षक तापस रंजन महापात्र, मोहम्मद बरकत अली, राकेश कुमार, संदीप कुमार अधिकारी, निमाई चांद सिंह, गया प्रसाद मुंडा, भबतरण शाह, अजीत कुमार सिंह, और लिपिक लक्ष्मीकांत सिंह ने किया। परीक्षा कदाचार मुक्त व शांतिपूर्ण संपन्न हुई और परीक्षार्थियों ने अपनी साक्षरता और संख्यात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
इस परीक्षा का उद्देश्य वयस्क शिक्षा कार्यक्रम के तहत लोगों को साक्षर बनाना और उनकी संख्यात्मक क्षमताओं का मूल्यांकन करना है। साक्षर भारत मिशन के तहत यह परीक्षा आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य देश को साक्षर बनाना है।
शांति और समावेशन यही होना चाहिए कविता का स्वर: डॉ एके झा
उत्क्रमित उच्च विद्यालय झांझीया ने इस परीक्षा के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और परीक्षार्थियों को अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया। इस परीक्षा के माध्यम से विद्यालय ने साक्षरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उल्लास कार्यक्रम के तहत रविवार को 47 महिला-पुरुषों ने बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक जांच परीक्षा दी। इनमें से कई महिलाएं 45-50 की उम्र में परीक्षा देने पहुंचीं। इन महिलाओं ने बताया कि अब वे हिसाब-किताब कर सकती हैं और अपने नाती-पोतों के साथ पढ़ाई कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती है।
इन महिला-पुरुषों ने अपने जीवन में पहली बार परीक्षा दी है। उन्होंने बताया कि वे पहले अनपढ़ थे, लेकिन अब साक्षर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक नई शुरुआत है और वे अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।