– वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने युवतियों को फेक न्यूज और साइबर ठगी के प्रति किया आगाह
जमशेदपुर.
इंटरनेट पर भ्रामक खबरों की भरमार है. सही और गलत को समझना दिन ब दिन मुश्किल होता चला जा रहा है. जाने अनजाने लोग अक्सर फेक न्यूज या गलत सूचनाओं को फैलाने के वाहक बन जाते हैं. आज एक बड़ी आबादी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रही है जिसके माध्यम से गलत सूचनाएं भी चारों तरफ प्रसारित हो रही हैं. साथ ही लोग ऑनलाइन उत्पीड़न व ऑनलाइन ठगी के भी शिकार हो रहे हैं. खासकर युवा लड़कियां ऐसी परेशानियों से दो चार हो रही हैं. इसी को ध्यान में रखकर ‘युवा’ संस्था की ओर से सचिव वर्णाली चक्रवर्ती के नेतृत्व में मीडिया साक्षरता और डिजिटल साक्षरता पर सुंदरनगर स्थित समेकित जन विकास केन्द्र परिसर में एक जागरुकता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता बतौर रिसोर्स पर्सन शामिल हुईं. उन्होंने वीडियो डिस्प्ले के माध्यम से युवा लड़कियों को जागरूक किया कि कैसे जाने अनजाने लोग अपने फोन से फेक न्यूज फॉरवर्ड कर देते हैं और कैसे फेक न्यूज की पड़ताल गूगल रिवर्स इमेज और अन्य तरीकों से की जा सकती है. उन्होंने पिछले दिनों की एक फेक खबर का हवाला देते हुए वीडियो के माध्यम से समझाया कि कैसे बांग्लादेश की किसी फोटो को लोग भारत का समझकर फेक न्यूज फॉरवर्ड करते जा रहे थे.
अन्नी अमृता ने इस दौरान साइबर क्राइम (उत्पीड़न और ठगी) के प्रति युवा महिलाओं को आगाह करते हुए बताया कि किसी भी हाल में ओटीपी तो शेयर न ही करें, साथ ही यह भी ध्यान रखें कि ‘एपीके फाइल’ क्लिक न करें. आजकल ओटीपी के प्रति लोग जागरुक हो गए हैं पर डॉट एपीके फाइल क्लिक कर देने पर वह ऑनलाईन ठगी के शिकार होकर अपनी जमापूंजी खो बैठते हैं.
अन्नी ने युवा महिलाओं को सावधान करते हुए बताया कि आजकल साइबर अपराधी लोगों को प्रलोभन देकर या बेवकूफ बनाकर डाॅट एपीके फाइल भेजकर क्लिक करवा देते हैं जिससे मोबाइल का डाटा एक्सेस अपराधी के पास चला जाता है. उसके बाद लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते हैं.
अन्नी ने बताया कि समय समय पर साइबर थाना के एक्सपर्ट पुलिस अफसर मीडिया और अन्य संस्थानों को जागरुक करते रहते हैं. ऐसे कार्यक्रमों से मिली जानकारी के अनुसार अगर गलती से एपीके फाइल क्लिक हो जाए तो तुरंत फोन को फ्लाइट मोड में डाल देना चाहिए या फैक्ट्री रिसेट कर देना चाहिए. अन्नी ने आगे बताया कि हर अपराधी सीधे फोन को आसानी से हैक नहीं कर पाते बल्कि वे लोगों के दिमाग को हैक करने की कोशिश करते हैं और अक्सर सफल हो जाते हैं, लेकिन जागरुकता से इससे निपटा जा सकता है.
अन्नी ने बताया कि साइबर अपराधी आजकल ‘टीम व्यू’ और ‘एनीडेस्क’ डाउनलोड करवाकर लोगों के मोबाइल का एक्सेस कर लेते हैं और फिर लोग लाखों करोड़ों खो बैठते हैं.
कार्यक्रम में मौजूद युवतियों ने पूरी तन्मयता से उपरोक्त बिंदुओं को नोट डाउन कर लिया और उससे संबंधित कई सवाल पूछे.
आगे अन्नी ने यह भी बताया कि कैसे आजकल कस्टम, ईडी या सीबीआई के नाम से फोन या वीडियो काॅल आता है और डराकर ऑनलाइन पैसे वसूल लिए जाते हैं. इसे डिजिटल अरेस्ट कहा जा रहा है. साइबर एक्सपर्ट की सलाह है कि अनजाने काॅल न उठाए जाएं और उठा भी लें तो घबराकर किसी भी प्रकार की जानकारी साझा न करें और न ही कहीं पैसे ट्रांसफर करें.
हमेशा याद रखें कि कोई भी असली पुलिस वाला वीडियो काॅल करके अपने अकाउंट में पैसे डालने को नहीं कहेगा. आजकल इंस्टैंट लोन एप के माध्यम से भी अपराधी पांच पांच लाख तक के लोन देकर जाल में फंसा लेते हैं. इंसान पे करता रहता है मगर वह लोन पांच लाख ही रहता है. अन्नी ने लड़कियों को जानकारी दी कि किसी भी प्रकार के साइबर क्राइम का शिकार होने पर देशव्यापी नंबर 1930 पर या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें. साथ ही स्थानीय थाने को सूचित करना चाहिए.
कार्यक्रम के समापन सत्र में युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने ऑनलाइन उत्पीड़न और ऑनलाइन गेम्स को लेकर जागरुक किया. कार्यक्रम में मौजूद युवा लड़कियों को आगाह किया कि वे बिना जाने सोशल मीडिया पर किसी को भी अपना दोस्त न बनाएं और न ही अपनी फोटो या अन्य जरुरी सूचनाएं साझा करें. उन्होंने कहा कि आज स्कूल काॅलेज की डिग्री वाली पढाई के साथ साथ डिजिटल साक्षरता जरुरी हो गई है ताकि लोग सुरक्षित रह सकें.
कार्यक्रम के अंत में युवा लड़कियों से फीडबैक लिया गया. उन्होंने बताया कि आज उन्हें अहम जानकारियां मिली जिससे अब आगे वे सावधान रहेंगी. कार्यक्रम में आस पास के ग्रामीण इलाकों (गांव–कोवाली, हल्दीपोखर, चांपी,पुखुरिया, तूड़ी) से श्रुति सरदार अंजलि पात्रों, गुड़िया नायक, मोनिका सरदार,संजू सरदार ,शिल्पी सरदार,गीता सरदार व अन्य ने भाग लिया.वहीं ‘युवा’ संस्था की तरफ से जीएफएफ की प्रोजेक्ट को ऑर्डिनेटर चांदमनी, अंजना, अवंति सरदार, किरण सरदार और रीला सरदार उपस्थित थीं.