– पुष्पा वन के अंत के साथ पुष्पा टू की शुरुआत होती है, जिस क्षेत्र में हो देश और राज्य का भला कीजिए
– प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के व्याख्यानमाला में बोले पत्रकार लेखक अनुज सिन्हा
जमशेदपुर.
प्रेस क्लब का जमशेदपुर के तत्वावधान में होटल दयाल साकची में संपन्न व्याख्यान माला की पहली कड़ी में पत्रकार एवं लेखक अनुज कुमार सिन्हा ने एक फिल्म का नाम लेते हुए कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में जब पुष्पा वन का अंत होगा उसी के साथ पुष्पा टू की शुरुआत होती है. उनके अनुसार पत्रकार और लेखक भले ही एक संस्थान से सेवानिवृत हो जाए परंतु उसके अंदर का लेखक और पत्रकार जीवित एवं जीवंत रहना चाहिए.
उन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन के 40 वर्ष को याद करते हुए कहा कि 31 दिसंबर को दैनिक प्रभात खबर से सेवानिवृत हो रहे हैं, किन्तु इसके साथ ही उनके जीवन के पुष्प टू की शुरुआत हो जाएगी. उनके अनुसार जब तक उनके जीवन में सांसों का अनुलोम विलोम, ब्रेन की याददाश्त, आंखें और हाथ काम करते रहेंगे उनके अंदर का पत्रकार और लेखक नहीं मरेगा.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति और संस्था ने किसी भी क्षेत्र में सराहनीय और अच्छे काम किए हैं उसके संस्मरण का दस्तावेजीकरण होना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ियां सच्चाई से रूबरू रहे और लाभान्वित होते रहे. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश की आजादी में झारखंड की बड़ी भूमिका रही है परंतु बिहार में दस्तावेजीकरण हुआ और यह क्षेत्र अनदेखा रह गया.
इस संदर्भ में उन्होंने महात्मा गांधी के झारखंड दौरे, शिबू सोरेन के सूदखोर विरोधी आंदोलन, झारखंड निर्माण आंदोलन में सुदूर गांव के सक्रिय अनाम नायकों के छूटे हुए लोगों को इतिहास के पन्ने के तौर पर सामने लाने का प्रयास किया और इसमें प्रभात खबर की बड़ी भूमिका रही है.
अनुज सिन्हा ने जमशेदपुर शहर की तारीफ करते हुए कहा कि इसका कॉस्मोपॉलिटन कल्चर बेजोड़ है. यहां से दूर जाने के बाद हर कोई मिस करता है और मौका मिले तो यहां लौट आता है.
व्याख्यानमाला में उन्होंने पत्रकार को विशेष तौर पर संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्तिगत मित्रता को पेशे के आड़े नहीं आने देना चाहिए. मौके पर मौजूद जयप्रकाश जी, बृजभूषण शरण सिंह, कवि कुमार, रविन्द्रनाथ चौबे के साथ ही उदितवाणी के संस्थापक स्व. राधेश्याम अग्रवाल जी के साथ बिताए क्षणों को याद करते हुए कहा कि हम पत्रकार के रूप में एक थे एक है एक रहेंगे.
वहीं डॉ प्रभात की हत्या की घटना को याद करते हुए भावुक हो गए, तो बीडीओ का नक्सली द्वारा अपरहण, यूनियन नेता संजय ओझा की दुर्घटना में मौत आदि कई उदाहरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकार के रूप में हमेशा जीवन बचाने का प्रयास कीजिए, यदि किसी के जीवन और क्षेत्र में सार्थक बदलाव कर सकते हैं तो मौका नहीं चूकिए.
इससे पहले प्रेस क्लब के महासचिव विकास कुमार श्रीवास्तव ने अभिनंदन करते हुए अनुज कुमार सिन्हा का जीवन परिचय दिया. वहीं प्रभात खबर के स्थानीय वरीय संपादक संजय मिश्र ने स्वागत सम्बोधन दिया.
झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश सारंगी ने झारखंड के प्रति अनुज सिन्हा के विशेष लगाव की चर्चा की. धन्यवाद ज्ञापन प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज ने दिया.
व्याख्यानमाला में पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, झारखंड राज्य बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ला, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, वाणिज्य कर वकील एसोसिएशन के मुरलीधर केडिया, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ विन्नी सारंगी, प्रभा जायसवाल, पूरबी घोष, रविंद्र नाथ चौबे, फ्री लीगल एड कमेटी के प्रेम जी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जेएमएम नेता मनोज यादव, देवजीत मुखर्जी, भाजपा नेता निर्भय सिंह, योगेश मल्होत्रा, दिनेश कुमार, नीरज सिंह, टाटा स्टील भारत के हसन इमाम चीकू भाई, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह, चेयरमैन शैलेंद्र सिंह, संदीप मुरारका, डॉ बीएम पैनाली, अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू अधिवक्ता कुलविंदर सिंह, रोटी बैंक के मनोज मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता उमेश अग्रवाल, दिलावर साहू, बीएन शर्मा, विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि, प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष सुमित कुमार, अमित कुमार एवं पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.