- बच्चों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए रखी अपनी बात
- बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल अपराध, ड्रॉप आउट, राइट टू एजुकेशन जैसे ज्वलंत मुद्दे को लेकर बच्चों ने की बात
- 8 नवंबर को रांची जाकर सभी पार्टी के अध्यक्ष, प्रमुख और प्रभारी को देंगे अपनी मांग पत्र
जमशेदपुर.
बच्चों से जुड़े मुद्दे और उनकी समस्याएं क्यों चुनावी मुद्दे नहीं बनते? क्यों कोई प्रत्याशी बच्चों से जुड़ी बात नहीं करता? प्रत्याशी या राजनीतिक पार्टी वोट बैंक को ध्यान में रखकर अपना मेनिफेस्टो बनाते हैं. बच्चों से जुड़े मुद्दे उससे गौण दिखते है. कुछ ऐसे ही सवाल और अपनी बातों को लेकर शहर के विभिन्न स्लम बस्ती में काम करने वाले बाल संगठन से जुड़े बच्चों ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. सोनारी आदर्श सेवा संस्थान परिसर में बच्चों ने “विधानसभा चुनाव-2024 सभी राजनीतिक दलों व जनप्रतिनिधियों से बच्चों की अपील” विषय के माध्यम से अपनी बातों को बखूबी रखा. प्रेस वार्ता को सीमा, थानेदार कुम्हार, कविता, लाली, महावीर, राम लोहरा अन्य बच्चों ने सम्बोधित किया.
इन मुद्दों पर बाल संगठन ने रखी अपनी बात
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1) हम सभी बच्चे जो स्लम बस्तियों से आते है. हमारी आगे की पढ़ाई के लिए उच्च विद्यालय व कॉलेज जाने के लिए काफी किराया एक बच्चे पर खर्च होता है. फलस्वरूप हम नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पाते हैं या पढ़ाई के लिए हमें मजदूरी करना पड़ता है. हम जैसे बच्चों के स्कूल-कॉलेज आने-जाने के लिए निःशुल्क या कम दर में यातायात परिवहन या स्कूल-कॉलेजों में बस की सुविधा उपलब्ध किया जाए.
2) आरटीई एक्ट के तहत सभी बच्चों को 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराया जाए और पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए अतिरिक्त कोचिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए.
3) प्रत्येक विद्यालय में बच्चों की काउंसिलिंग के लिए काउंसर की व्यवस्था सुनिश्चित किया आए. ताकि बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य मजबूत हो और बच्चे पढ़ाई अच्छी तरह कर सके.
4) +2 विद्यालयों व कॉलेजों की संख्या कम होने और हर बच्चे की पहुंच में नहीं होने के कारण काफी बच्चे विशेषकर लड़कियां दसवीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. उच्च शिक्षा सभी बच्चों की पहुंच में हो इसके लिए +2 विद्यालयों और कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए)
5) छठी कक्षा से सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की दक्षता बढ़ाने के लिए स्किल आधारित प्रशिक्षण की व्यवस्था की आए. ताकि हम पढ़ाई के साथ अतिरिक्त स्किल से भी तैयार हो पाये और अपने रोजगार का सूजन स्वयं कर पाएँ.
6) रोजगार/नौकरी के हर क्षेत्र में अंग्रेजी का विशेष महत्व हो गया है. अंग्रेजी नहीं जानने के कारण हम जैसे सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अच्छी नौकरी/रोजगार से वंचित हो जाते हैं, इसलिए प्रत्येक सरकारी विद्यालय में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी सिखाया जाए.
7) सभी सरकारी विद्यालयों में विषयवार शिक्षक और कक्षा के अनुरूप कक्ष/कमरा उपलब्ध हो. जबकि अभी भी हमारे राज्य में काफी स्कूलों में एक शिक्षक सभी विषयों को पढ़ाते हैं और एक कमरे में दो या दो से ज्यादा कक्षाएं संचालित होती हैं. इस प्रैक्टिस से हम बच्चों की शिक्षा की गुणवता में गलत असर पड़ता है.
8) विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे अति आवस्यक दस्तावेजों को बनाने की प्रक्रिया को आसान या विद्यालय में ही सुनिश्चित किया जाए.
9) बाल विवाह, बाल मजदूरी व बाल हिंसा को रोकने के लिए बने कानूनों का कड़ाई से पालन हो और इसके लिए बनाए गए समितियों/संगठनों का सही से गठन व संवालन किया जाए. ताकि सभी बच्चों को हिंसा मुक्त और सुरक्षित वातावरण मिले.
10) बच्चों के लिए खेल का मैदान, खेल अकादमी का निर्माण व्यवस्था हो और उस तक स्लम बस्तियों के बच्चों की पहुँच हो.
झारखंड के स्लम बस्तियों के सभी बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए बाल संगठन, जमशेदपुर आपसे करबद्ध निवेदन करती है कि आप हम बच्चों की अपील पर विशेष पहल कर झारखंड के सभी बच्चों के विकास के सारथी बने.
8 को रांची जाएंगे बच्चे, सभी राजनीति पार्टी, नेताओं के समक्ष रखेंगे अपनी बात
बल संगठन से जुड़े सभी बच्चे 8 नवंबर को रांची जाएंगे और सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी से इन विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए मांग पत्र सौंपेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है कि बच्चे अपने मुद्दे को लेकर खुद ही सामने आ रहे हैं. बाल संगठन से जुड़े बच्चे पिछले एक सप्ताह से शहर के विभिन्न स्लम बस्तियों में अपने मुद्दे को लेकर नुक्कड नाटक, जागरूकता अभियान के साथ पोस्टर सटाने का काम कर रहे हैं.