- पटमदा +2 उच्च विद्यालय में कार्यक्रम का हुआ आयोजन
- डॉ कलाम के प्रेरक कथनों व जीवन प्रसंगों से बच्चे हुए अवगत
जमशेदपुर.
डॉ कलाम ने विजन 2020 के माध्यम से भारत को विकसित बनाने का देखा था सपना, बच्चों व बड़ों ने डॉ कलाम के सपनों को साकार करने की दिशा में कार्य करने का लिया संकल्प
भारत के 11वें राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर पटमदा स्थित राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय, पटमदा में समूचे दिन कई कार्यक्रम आयोजित कर डॉ कलाम के उपलब्धियों व उनके आदर्शों से बच्चों को जागरूक किया गया. सुबह प्रार्थना सत्र के दौरान डॉ कलाम के तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद बाल संसद के बच्चों ने बारी बारी से डॉ कलाम के प्रेरक कथनों को सुनाया. वही शिक्षकों ने प्रेरक कथनों के पीछे की समूची कहानी से बच्चों को अवगत करवाया.
इस दौरान डॉ कलाम के प्रेरक कथनों – “अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।”, “इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे।, “अगर हमें अपने सफलता के रास्ते पर निराशा हाथ लगती है इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें, हर निराशा और असफलता के पीछे ही सफलता छिपी होती है।” इत्यादि जैसे दर्जनों कथनों पर विस्तार से चर्चा हुई.
प्रधानाध्यापक डॉ मिथिलेश कुमार व निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार ने डॉ कलाम के रामेश्वरम में जन्म लेने, कठिनाइयों से जूझते हुए अपनी पढ़ाई पूरी करने, भारतीय सेना में नियुक्ति ना होने, फिर डीआरडीओ, इसरो से जुड़ अनुसंधान करने, मिसाइल बनाने, अंतरिक्ष में उपलब्धियों, भारत को परमाणु शक्ति बनाने, भारत के राष्ट्रपति बनने की कहानी, युवाओं को प्रेरित करने की कहानी विस्तार से सुनाई. इस दौरान डॉ कलाम से जुड़े कई प्रसंगो को बच्चों के साथ साझा किया गया. डॉ कलाम ने विजन 2020 के माध्यम से भारत को विकसित बनाने का सपना देखा था, जिसे हम सभी बच्चों व बड़ों को मिलकर साकार करना है.
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इप्टा की अर्पिता के नेतृत्व में लिटिल इप्टा के बच्चों की प्रस्तुति रही, लिटिल इप्टा के नन्हें कलाकार नम्रता, वर्षा, सुरभि, श्रवण, सुजल, दिव्या ने भारत मां की आंख के तारे…, किताबें करती है बातें…, ढाई आखर प्रेम के पढ़ ले जरा… व अन्य गीत गाकर बच्चों व शिक्षकों का मन मोह लिया.
डॉ कलाम के जन्मदिवस पर विद्यालय परिसर में डॉ कलाम के प्रेरक प्रसंगो व कथनों के पोस्टर्स की गैलरी का शुभारंभ किया गया, जिससे बच्चे प्रेरित हो सकेंगे. पोस्टर्स का निर्माण भी लिटिल इप्टा के नन्हें कलाकारों के द्वारा किया गया था. नन्हें रचनाकार रीडिंग क्लब में नन्हें रचनाकार बच्चों ने भी डॉ कलाम के जीवन से जुड़ी कहानियों पर विस्तार से पाठ करते हुए चर्चा की. कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय के बच्चों व शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.