- आदर्श सेवा संस्थान की ओर से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाऊंडेशन के सहयोग से कार्यक्रम का किया गया आयोजन
जमशेदपुर.
अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोध दिवस के मौके पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. शहर की सामाजिक संस्था आदर्श सेवा संस्थान ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया. चुंकि आदर्श सेवा संस्थान पिछले तीन दशकों से जमशेदपुर के स्लम बस्तियों में बाल अधिकारो का सफलता पूर्वक जागरण अभियान चला रहा. इसलिए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाऊंडेशन ने बस्तियों से बाल तस्करी रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ काम करने की इच्छा जताई है. इसी क्रम मे आदर्श सेवा संस्थान ने बाल तस्करी रोकने के लिए एवं जागरूकता फैलाने के लिए जमशेदपुर के स्लम बस्तियों के युवा युवतियों, आंगन बाड़ी सेविकाओं की साथ एक बैठक की आयोजित की गई. जिसमें विभिन्न बस्तियों के लोगों ने अपने अपने अनुभव सुनायें और इसे रोकने के लिए सुझाव रखे.
मुख्य अतिथि रवीद्रनाथ चौबे एवं अध्यक्षता प्रभा जयसवाल ने करते हुए सभी प्रतिभागिओ को अपने अपने बस्तियों मे बाल तस्करी पर जागरूकता फेलाने का संदेश दिया. साथ मे बच्चा सिंह बस्ती, सोनारी के आंगन बाड़ी सेविका ने अपने बस्ती की एक बाल तस्करी की घटना को सांझा किया की कुछ लोग दिल्ली से आकर तीन दिनो के अंदर उनकी बस्ती की एक गरीब बच्ची को शादी कर ले गेए थे ओर उसको दिल्ली ले जाकर जनबरों का सेवा करते थे. दो साल बाद वो जब किसी भी तरह से भाग कर वापस आई तो उसकी शारीरिक, मानसिक हालत बेहद खराब था.
ग्वाला बस्ती, भूयांडीह की युवा ने बोला की उनके बस्ती मे एक आदमी एक बच्ची को बाहार राज्य से उसकी पहली बीबी का देहांत के बाद शादी कर घर लाया है ओर दोनों का उम्र मे लगभग 20 साल का अंतर होगा. कुछ युबाओं ने रोजगार के लिए बड़े बड़े शहरों को प्रलोभित होकर चले जाने के बाद वहाँ परिशानी मे घिर कर मुसकिल से घर वापस आयें है. इसी तरह के कुछ सत्य घटनाओं को सबके सामने चर्चा की गई जिससे सभी प्रतिभागिओ को इस मुद्धे की गहराई समझने मे आसानी हुई ओर सभी जागरूक भी हो पाये.
कार्यक्रम में यह बात भी सामने आई कि बहुत तरह से तस्करी की जा रही. बहला फुसला कर शादी करने और झूठ का सहारा लेकर बौंडेड लेबर के रूप में भेजने का काम भी किया जा रहा है जो एक एक तरह से तस्करी का रूप है. बस्तियों मे शादी कर भी धोखा देकर तस्करी को बढ़ावा दिया जा रहा है.
ये हुआ तय
- प्रत्येक बस्ती के निवासियों का एक रजिस्टर बनाया जायेगा.
- प्रत्येक बस्ती में पांच युवा युवतियों और नागरिकों को लेकर एक समिति बनाई जायेगी.
- बस्तियों में बाहर से आने वाले पर समिति द्वारा नजर रखी जायेगी.
- बस्तियों में बाल तस्करी, बाल शोषण पर चर्चा कर पहचान की जायेगी.
- बस्तियों के सामाजिक जीवन को जीवंत बनाने का काम होगा.
संस्था की साथी उषा महतो द्वारा सभी अतिथियों ओर प्रतिभागीओं का धन्यवाद ज्ञापन किया गया. इस कार्यक्रम मे लखी दास, राजेश कुमार, रीना दत्ता, देबूतोष, सुषमा, मोहिनी, निशा, मानु, वर्षा, महिमा, दीप्ति, सेलवी, पुजा, रिंकू आदि संस्था के सदस्य महजूद थे.