मनोज किशोर.
सुन ऐ पाकिस्तान
हिंदुस्तान का जन-जन बोल रहा है,
पाकिस्तान तेरे सर पर मौत डोल रहा है .
नापाक तू एक बार,
आंखों में आंखें डालकर,
आंख निकाल कर दिखा.
हाथों में हाथ डालकर ,
हाथ काट कर दिखा.
सर से सर टकराकर,
सर काट के दिखा.
क्या बुजदिलो की तरह ,
पीठ पर वार करता है.
हिम्मत है तो सीने में
गोली चला कर दिखा.
अब हमें दो आंख के बदले दस आंख,
एक हाथ के बदले सौ हाथ,
एक सर के बदले हजार सर लाना होगा,
अब पाक को पाक की ही
भाषा में समझाना होगा.
सुन ऐ पाकिस्तान ………
हिंदुस्तान की कोख से पैदा लेकर,
हिंदुस्तान को आंखें दिखाते हो.
बेटा होकर बाप को औकात बताते हो.
शर्म कर ऐ पाक,
बेटा कभी नहीं हो सकता बाप.
उठो ऐ देश के अग्निवीर नौजवानों,
चलो हुंकार भरो पाक को खबरदार करो.
सब मिलकर एक अंतिम वार करो.
भारत माता के कर्ज को उतार चलो.
बहुत धैर्य अभी तक हमने रखा है.
पाक के ऐ हुकुमरानों अब तुम सुन लो,
हमारे धैर्य की तू और ज्यादा इम्तिहान ना ले,
हमारे खामोशी को तो बुझदिली का नाम ना दे.
जिस दिन हिन्दुस्तान का सर फिर जाएगा
फिर न लाहौर दिखेगा न इस्लामाबाद रह जाएगा. धरती से पाक तेरा नामो निशान मिट जाएगा
फिर से मेरा यह देश 1947 से
पहले वाला हिंदुस्तान बन जाएगा .
फिर,देखना विश्व के नक्शे पे पाक नही
सिर्फ हिंदुस्तान ही हिंदुस्तान रह जाएगा.