- रक्तदान शिविर भी लगाया गया
- हर वर्ष रक्तदान शिविर में भाग लेने वाले रक्तदाताओं ने बताया, उनके घरों में बड़े हो रहे पौधे दिलाते है शहीद की याद
जमशेदपुर.
वीर शहीद गणेश हांसदा के चौथे शहादत दिवस के मौके पर भंडारशोल स्थित वीर शहीद गणेश हांसदा पुस्तकालय में बच्चों ने वीर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि सभा के मौके पर पुस्तकालय के अध्यक्ष गौतम प्रसाद धारा ने वीर शहीद गणेश हांसदा की जीवनी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर जवान दिन रात हर मौसम में तैनात रहते है. हम सभी को गर्व है कि बहरागोड़ा के गणेश हांसदा ने भी सीमा पर देश के लिए लड़ते हुए अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया, उनसे हम सभी को देश का मान बढ़ाने का हौसला मिलता है.
वीर शहीद गणेश हांसदा फेलो रूपनारायण बेरा व जयदीप महाकुड ने वीर शहीद की याद में सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के द्वारा चलाए जा रहे फेलोशिप व पुस्तकालय के माध्यम से किए जा रहे शैक्षणिक गतिविधियों व समय समय पर आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी.
गौतम प्रसाद धारा ,रूपनारायण बेरा, जयदीप महाकुड़, ज्योतिर्मय धारा, सुजित गिरि, सत्यजीत गिरि ,सुमित महाकुड़, नव कुमार बारिक, प्रकाश बेरा, यामिनी बेरा, कार्तिक बारिक, प्रकाश बेरा,अमर कुमार धारा व अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
रक्तदाता व ग्रामीण वीर शहीद की याद में हर वर्ष लगाते है अपने घरों में पौधे :
वीर शहीद गणेश हांसदा की अमर शहादत को याद करते हुए शहादत दिवस के दिन हर वर्ष 16 जून को सामाजिक संस्था नई जिंदगी व गणेश हांसदा स्मारक समिति के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है. शिविर में आकर रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं, उनका उत्साह बढ़ाने वाले लोगों व बच्चों को झारखंड के पैडमैन के रूप में विख्यात निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार के द्वारा “एक पैड, एक पेड़” का उपहार देकर सम्मानित किया जाता है. रविवार को भीषण गर्मी के बीच भी जिले भर से 30 से ज्यादा युवा रक्तदान करने पहुंचे.
हर वर्ष शिविर में आकर रक्तदान करने वाले युवाओं ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि रक्तदान के समय मिलने वाले पेड़ अब उनके घरों में लहलहा रहे है, यह देख उन्हें बेहद गर्व महसूस होता है. पिछले चार वर्षों में रक्तदान शिविर के माध्यम से लगभग 500 लोगों को एक पैड, एक पेड़ का उपहार देकर शहीद की याद में वृक्षारोपण करने हेतु प्रेरित किया जा चुका है. अभियान में शहीद के बड़े भाई दिनेश हांसदा, ट्राइबल ब्लड मैन राजेश मार्डी, ट्राइबल पैडमेन बैद्यनाथ हांसदा व अन्य साथियों का अहम योगदान रहा है.