- बारीडीह के क्रांति ने रक्तदान के क्षेत्र में कायम किया नया कीर्तिमान
- 27 वर्ष से लगातार कर रहे हैं रक्तदान, 18 वर्ष आयु से आरंभ की थी इस महादान की यात्रा
जमशेदपुर.
जमशदेपुर शहर रक्तदान के क्षेत्र में पूरे भारत में अलग स्थान रखता है, इस बात को सभी जानते हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां के लोग, खासकर युवा वर्ग रक्तदान के क्षेत्र में सबसे आगे रहते हैं. शहर में हर दिन कहीं न कहीं रक्तदान शिविर लगता है और सैकड़ों युवा स्वैच्छिक रक्तदान के लिए कतार में खड़े दिख जाते हैं.
ऐसे ही एक युवा ने रक्तदान के क्षेत्र में न केवल नया कीर्तिमान स्थापित किया है बल्कि अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए है. बारीडीह के रहने वाले आरएनपी सिन्हा के पुत्र क्रांति ने अपने 45वें बसंत यानी महज वर्ष की आयु में 100 बार रक्तदान कर इस कार्य की महानता को एक बार फिर से चरितार्थ कर दिया है.
27 वर्ष से लगातार हर तीसरे माह करते आ रहे हैं रक्तदान
बारीडीह के क्रांति वर्तमान में काम के कारण सपरिवार खड़गपुर में रहते हैं. लेकिन हर तीसरे माह यानी 90 दिन के अंतराल में रक्तदान करने नहीं भूलते हैं. सभी व्यस्तता के बावजूद क्रांति 90वां दिन जमशेदपुर ब्लड सेंटर पहुंच कर अपना स्वैच्छिक रक्तदान करते है. क्रांति ने इस महादान की क्रांति की शुरूआत रक्तदान के योग्य होते ही 18 वर्ष की आयु से ही कर दिया था. वे लगातार 27 वर्ष से रक्तदान करते आ रहे हैं. क्रांति अपने पिता आरएनपी सिन्हा, माता सुभिधा देवी, धर्मपत्नी आरती, और परिवार में एक भाई, बहन, सुपुत्री आराध्या श्रृष्टि के साथ खरगपुर में निवास कर रहे है.
रिकॉर्ड किया अपने नाम सबसे युवा शतकवीर रक्तदाता का खिताब
इसी के साथ जमशेदपुर ब्लड सेंटर के पन्नों पर क्रांति का नाम सबसे युवा रक्तदाता के तौर पर दर्ज हो गया. आज शतकीय पारी यानी 100वें स्वैच्छिक रक्तदान के के बाद क्रांति को जमशेदपुर ब्लड सेंटर एवं प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन की ओर से पुष्पगुच्छ, शाॅल ओढ़ाकर, शतकीय मेमेटों, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. मौके पर जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी, डॉ लव बहादुर सिंह, तकनीशियन अनिल प्रसाद, अजय, धीरज, त्रिलोचन, उमाशंकर, राजकुमार, शुभोजीत, मनोज, कौशकी, मोहन, अभिषेक, चंदन, धनंजय, रत्नेश, शुभंकर एवं प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार, किशोर साहू अन्य मौजूद रहे.