- नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, जमशेदपुर की मैराथन बैठक
जमशेदपुर.
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, जमशेदपुर की 54वीं मैराथन बैठक सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला के व्याख्यान-कक्ष में सम्पन्न हुई. इसमें नगर भर के सरकारी कार्यालयों के 65 आला अधिकारियों ने भाग लिया. इस बैठक में जमशेदपुर, चाईबासा एवं सरायकेला-खरसावां जिले में स्थित भारत सरकार के सभी केन्द्रीय कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, स्वायतशासी निकायों एवं सभी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने राजभाषा हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये एक साथ बैठकर विचार मंथन किया.
उक्त बैठक में सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर के निदेशक सह अध्यक्ष डॉ संदीप घोष चौधुरी, कार्यालय प्रधान आयकर आयुक्त के प्रधान आयकर आयुक्त शिशिर धमीजा, राजभाषा विभाग जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संयुक्त आयुक्त अभिनव कुमार, भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एसके वर्मा, भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त शशि भूषण कुमार, यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जादूगोड़ा के निदेशक (तकनीकी) राजेश कुमार, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर के निदेशक प्रो (डॉ) गौतम सूत्रधार, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जमशेदपुर के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक मनीष कुमार झा, बैंक ऑफ बड़ौदा क्षेत्रीय कार्यालय, जमशेदपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष प्रकाश सिन्हा, 37वीं झारखंड बटालियन एनसीसी, जमशेदपुर के कमानाधिकारी ले. कर्नल गौरव कुमार मिश्रा, सीआरपीएफ़ (CRPF) के डिप्टी कमांडेंट विक्की कुमार पांडेय, 106 बटालियन, आरएएफ (R.A.F.), जमशेदपुर के उप कमांडेंट प्रकाश चंद्र बादल, भारत संचार निगम लिमिटेड, जमशेदपुर के उप महाप्रबंधक आरके सिंह एवं नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य-सचिव डॉ पुरुषोत्तम कुमार उपस्थित थे.
विचार-मंथन बैठक में सभी कार्यालय प्रमुखों ने अपने-अपने कार्यालय में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये किये जाने वाले कार्यों का विस्तृत लेखा-जोखा पेश किया.
सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर के निदेशक सह अध्यक्ष, डॉ. संदीप घोष चौधुरी ने कहा कि नराकास, जमशेदपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी संगोष्ठी का आयोजन तथा सालों भर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सहयोग से कार्यशालाओं, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक तथा वैज्ञानिक गोष्ठियों का आयोजन नराकास की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है. राजभाषा हिंदी और अन्य सभी मातृ-भाषाओं के संवर्धन, विकास तथा प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत अनेक दायित्व सभी कार्यालयों को दिया है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी विश्व की भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधता तथा बहुभाषिकता के पल्लवन और संवर्धन के लिए राष्ट्रभाषा तथा मातृभाषा के विकास को आवश्यक बताया है. भारत सरकार के दिशानिर्देश में विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों में भी राजभाषा हिंदी और सभी भारतीय भाषाओं के विकास के लिए कार्य किए जा रहे हैं.
नराकास जमशेदपुर के सदस्य सचिव डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने वार्षिक कार्यक्रम 2024-25 पर चर्चा करते हुए बैठक में उपस्थित सभी कार्यालय प्रमुख एवं उनके प्रतिनिधियों से कहा कि भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में सार्थक प्रयास करें. उन्होंने नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति जमशेदपुर की महान विरासत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वच्छ, सुंदर, पर्यावरण हितैषी एवं गौरव शाली राष्ट्र के निर्माण में हमारी नराकास द्वारा कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं. पिछले वर्षों में इस समिति के समेकित प्रयास से 60,000 पौधे लगाए गए और उनके संरक्षण की व्यवस्था की गई.
राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक हिंदी संगोष्ठी, हिंदी कार्यशाला, तनाव प्रबंधन आदि अनेक लोकमंगलकारी विषयों पर विभिन्न कार्यायलयों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किये गये.
प्रधान आयकर आयुक्त शिशिर धमीजा ने कहा कि कार्यालयीन कामकाज में सहजता लाने के लिए राजभाषा हिंदी का प्रयोग आवश्यक है साथ ही इसे मन से अपनाना अति आवश्यक है. हिंदी आत्मा की भाषा है एवं अंग्रेजी तकनीकी भाषा है. प्रधानमंत्री ने हिंदी भाषा को अत्यधिक महत्व दिया एवं उन्होनें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हिंदी में ही संबोधन दिया. राजभाषा हिंदी समाजिक समरसता और सदभाव का प्रतीक है इससे हमारी राजभाषा हिंदी का प्रसार-प्रचार ही नहीं होगा बल्कि प्रशासनिक एवं वैज्ञानिक कार्यों के राजभाषा हिंदी में किये जाने का सुखद एवं प्रेरणादायक वातावरण भी सृजित होगा.
जीएसटी संयुक्त आयुक्त अभिनव कुमार ने कहा कि राजभाषा हिंदी आमजन की भाषा है जिसे सभी लोग आसानी से समझ व बोल पाते हैं. हिंदी जनसंपर्क और राष्ट्रीय संपर्क की भाषा के रूप में भी एक सशक्त कड़ी का काम कर रही है. वाणिज्यिक और व्यापार के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हिंदी के प्रयोग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है.
एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक डॉ गौतम सूत्रधार ने कहा कि सरल हिंदी का प्रयोग करें तथा जिनकी मातृ भाषा हिंदी नहीं है तकनीकी प्रयोग द्वारा वे भी सहजता पूर्वक हिन्दी का प्रयोग कर सकते हैं. हिंदी का प्रयोग हमारा संवैधानिक दायित्व है.
37वीं झारखंड बटालियन एनसीसी, जमशेदपुर के कमानाधिकारी ले. कर्नल गौरव कुमार मिश्रा ने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है, हमें इसका सम्मान करना चाहिए और हमें अपना कार्यालयीन कार्य भी ज्यादा से ज्यादा राजभाषा हिंदी में ही करना चाहिए. कार्यालयों के कार्यक्षेत्र विशेष से जुड़े लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों मे आने वाली समस्याएं तो दूर होंगी साथ ही साथ राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा मिलेगा.
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के प्रमुख मनीष कुमार झा ने कहा कि नराकास के स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन हमें प्रेरणा और प्रोत्साहन देता है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त शशि भूषण कुमार ने कहा कि जब हम अपनी भाषा के प्रति प्रेमभाव रखकर उसे सीखने तथा समझने का प्रयास करेंगे तो अनायास ही हम सभी को राजभाषा हिंदी सरल व सुबोध लगने लगेगी. कार्यालयों के कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में आने वाली समस्याएं तो दूर होंगी साथ ही साथ राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कर्मियों में अपने कार्यालयीन कार्यों को राजभाषा हिन्दी में करने के प्रति रुचि बढ़ेगी. राजभाषा को एक सशक्त माध्यम बनाकर वैज्ञानिक क्षेत्र में हुई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को उजागर करने की हमारी कोशिश सचमुच हमारे राष्ट्र की भाषायी अस्मिता को प्रकाशमान करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है. राजभाषा की प्रगति हमारी भाषायी एकता का द्योतक है.
यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, जादूगोड़ा के निदेशक (तकनीकी) राजेश कुमार ने कहा कि आज मोबाइल तथा इंटरनेट के माध्यम से आमलोग बहुत ही आसानी से हिंदी तथा अपनी मातृभाषा में बोलकर लिख-पढ़ सकते है. आज सभी क्षेत्रों में दिन-प्रतिदिन मोबाइल के प्रयोग से हिंदी का उपयोग और महत्व बढ़ रहा है. कार्यालयों के कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में आने वाली समस्याएं तो दूर होंगी साथ ही साथ राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा मिलेगा.
भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक एस के वर्मा ने कहा कहा कि सरकारी कामकाज में हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करें. सरकारी कामकाज में सरल व आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग करें जिससे अधिक से अधिक लोग उसे आसानी से समझ सकें. राजभाषा हिंदी ही व भाषा है जिसे अधिक से अधिक लोग बोल व समझ सकते हैं. राजभाषा हिंदी भारत की विविध सांस्कृति एवं भौगोलिक परिवेश को भाषा के माध्यम से अपने वैभव बिखेरती हुई अनेक भारतीय उपभाषाओं को समेटे हुए समुद्र की तरह विशाल दिखती है.
बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रमुख मनीष प्रकाश सिन्हा ने कहा कि उनके बैंक द्वारा हिन्दी में कार्य का सम्पादन काफी बढ़ा है. टाईप करने की भी आजकल बहुत सुविधा हो गई है. हमारे बैंको द्वारा प्रायः सारे पत्राचार हिन्दी में किए जाते हैं. हिंदी में सोचना और लिखना बहुत आसान है.
भारत संचार निगम लिमिटेड, जमशेदपुर के उप महाप्रबन्धक आरके सिंह ने कहा कि हमारे कार्यालय द्वारा भी अधिकतर कार्य हिन्दी में संपादित किये जाते हैं.
त्रैमासिक रपट की समीक्षा सहायक निदेशक, राजभाषा, सरोज कुमार यादव द्वारा किया गया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन बैंक ऑफ इंडिया, आंचलिक कार्यालय, जमशेदपुर के राजभाषा अधिकारी संजीव कुमार प्रसाद द्वारा किया गया.