जमशेदपुर.
लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज के स्नातक मनोविज्ञान विभाग की ओर से विभागीय व्याख्यान का चार वर्षीय स्नातक प्रथम वर्ष कार्यक्रम जो कि एनईपी 2020 पर आधारित है, का आयोजन किया गया. पिछले वर्ष की व्याख्यानमाला की सफलता के बाद द्वितीय आकदमिक व्याख्यानमाला का शनिवार को मनोविज्ञान विभाग द्वारा शुभारंभ किया गया. जिसका विषय ,’ बुद्धि: स्वरूप और सिद्धान्त’ था.
सर्वप्रथम मनोविज्ञान विभाग के डॉ प्रशान्त और प्रो प्रमिला किस्कू ने मुख्य वक्ता प्रो मुकेश कुमार सिंह और प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा को तुलसी का पौधा, अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया.
इसके बाद विषय प्रवेश कराते हुए व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा ने कहा कि बुद्धि वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं और तथ्यों को समझने, उनमें आपसी संबंध खोजने तथा तर्कपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है. उन्होंने कहा कि ‘बुद्धिस्य बलम तस्य’ अर्थात जिसमें बुद्धि होगी वही बलवान होगा और बलवान ही इस पृथ्वी पर राज्य करेगा अर्थात ‘वीर भोग्या वसुंधरा’.
मुख्य वक्ता प्रोफेसर मुकेश कुमार सिंह ( विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, घाटशिला कॉलेज, घाटशीला) ने कहा कि बुद्धि का प्रयोग प्राय हम दिन प्रतिदिन के बोलचाल में करते हैं. बुद्धि व्यक्ति को वातावरण के साथ प्रभावकारी ढंग से समायोजन या अनुकूलन करने में मदद करता है साथ ही व्यक्ति में विवेकशील चिंतन तथा अमूर्त चिंतन करने में मदद मिलती है. बुद्धि का स्वरूप कुछ ऐसा होता है, जिसको एक कारक या क्षमता के आधार पर नहीं समझा जा सकता है. इसमें भिन्न-भिन्न प्रकार की क्षमताएं होती है. थर्स्टन ने सात ऐसी क्षमताओं के बारे में बतलाया तो वही गिलफोर्ड ने बुद्धि के 150 क्षमताओं का अपने अध्ययन में जिक्र किया. पी ई. वर्नन ने बुद्धि संप्रत्यय के तीन अर्थ बतलाए हैं. उन्होंने आगे बुद्धि के सिद्धांत की चर्चा के क्रम में स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धांत, थर्स्टन का समूह कारक सिद्धांत, आर्थर जेंसन का बुद्धि कारक सिद्धांत, कैटल का संस्कृति मुक्त बुद्धि परीक्षण, गार्डनर का बुद्धि सिद्धांत, स्टर्नबर्ग का त्रितंत्र सिद्धांत की व्याख्या की.
मंच संचालन मनोविज्ञान विभाग के छात्र जगरनाथ सरदार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग की ही छात्रा भूमि मित्रा ने किया.
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ प्रशांत , प्रो प्रमिला किस्कू, डॉ डीके मित्रा, प्रो पुरषोत्तम प्रसाद, डॉ दीपांजय श्रीवास्तव, प्रो विनोद कुमार, डॉ विनय कुमार गुप्ता, डॉ संचिता भुई सेन, प्रो विजय प्रकाश, प्रो संतोष राम, डॉ जया कक्षप, प्रो सुषमिता धारा और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.