- प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने अपने आठवें और झारखंड राज्य के 23वें स्थापना दिवस पर आयोजित किया सम्मान समारोह
- संस्था ने नारी सशक्तिकरण को समर्पित किया स्थापना दिवस
- कुष्ठ आश्रम में भोजन, शुरवीर महिलाओं, रक्तवीर योद्धाओं, शतकवीर रक्तदाता और समाजसेवियों के सम्मान के साथ ” किरणमयी डे” जी के नाम किया समर्पित रहा स्थापना दिवस
जमशेदपुर.
कोई संस्था अपने स्थापना दिवस को नारी शक्ति के नाम समर्पित कर दें और समाज के अन्य लोगों को सम्मानित करे, उसकी इस सोच से उसके कार्य करने की शैली को समझा जा सकता है. शहर की सामाजिक संस्था प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने 15 नवंबर को अपने स्थापना के आठवें वर्षगांठ पर सम्मान समारोह का आयोजन किया. जमशेदपुर ब्लड सेंटर में आयोजित सम्मान समारोह नारी सशक्तिकरण को समर्पित करते हुए रक्तदान, समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को सम्मानित किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ब्लड सेंटर की चेयरपर्सन रुचि नरेंद्रन शामिल हुई. उन्होंने प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के द्वारा रक्तदान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य की खूब सराहना की. उन्होंने कहा कि रक्तदान विशेषकर एसडीपी डोनर की एक टीम को खड़ा करना यह संघर्ष की एक बड़ी उपलब्धि है. इसके पूर्व सभी अतिथि और टीम संघर्ष के सदस्यों ने मिलकर केक कटिंग कर स्थापना दिवस की खुशियां मनाई. वहीं झारखंड राज्य के 23वें स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए उनके संघर्ष और बलिदान को नमन किया गया. कार्यक्रम का संचालन संस्था के निदेशक अरिजीत सरकार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी ने दिया. संस्था ने स्थापना दिवस समारोह की शुरूआत अंत्योदय कुष्ठ आश्रम में भोज के साथ किया गया.
धरातल पर काम करने वाली संस्था है संघर्ष : अरिजीत
महिला सशक्तिकरण को सम्मान के साथ बढ़ावा देते हुए निरंतर मई माह से पीएसएफ संस्था के द्वारा चलाए जा रहा किरणोत्सव के तहत “किरणमयी डे” के नाम समर्पित किया. कार्यक्रम की शुभारंभ सबसे पहले सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ और अंग वस्त्र प्रदान किया गया और तत्पश्चात सभी अतिथियों ने मिलकर स्थापना दिवस के इस पावन दिन पर केक कटिंग करते हुए विधिवत कार्यक्रम की शुभारंभ किया. सबसे पहले संस्था के निदेशक अरिजीत सरकार ने संक्षेप में साल भर नियमित रूप से चलने वाले संस्था के गतिविधियों के बारे में बताया. एकदम धरातल में कार्य करने वाली संस्था के रूप में प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने किस तरह से शहर से लेकर सुदूरवर्ती गांव तक सभी के दिलों में अपनी जगह बनाया. यह सुन वहां उपस्थित सभी ने संस्था की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए नहीं थके. संस्था का मुख्य उद्देश्य ही रहा है प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन यानी सदैव संघर्ष करते हुए धरातल में रह रहे जरूरतमंद लोगों के लिए “सदैव आपके सेवा को तत्पर” रहना.
इन्हें किया गया सम्मानित
किरणमयी मातृशक्ति सम्मान : मरणोपरांत गीता सिंह- 75 बार के रक्तदाता, सुगंधी लक्ष्मी- 62वां रक्तदान, गौरी मुखर्जी 52वां रक्तदान, समाजसेवा के क्षेत्र में लक्खी दास, सालगे मार्डी, चंदन जायसवाल, सबीना खातून एवं मधुमिता बनर्जी.
किरणमयी रक्तवीर योद्धा सम्मान : शतकवीर रक्तदाता पीएसएफ के मनोरंजन गौड़.
एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में कुमारेस हाजरा (55 बार), कमल कुमार घोष (50 बार), धीरज कुमार (46 बार), उत्तम कुमार गोराई (44 बार), राकेश कुमार (41 बार) और कोरोना के समय सबसे अधिक बार प्लाज्मा रक्तदान करने वाले राजेश सतेदेवे (9 बार) को सम्मानित किया गया.
किरणमयी मानव सेवा सम्मान – निरंतर मानव सेवा में लीन रहकर कार्य करने के लिए समाजसेवी दीप सेन, डॉक्टर अफरोज सकील और प्रतीक बनर्जी.
किरणमयी माटीर मानुष सम्मान – वरीय सदस्य के रुप में दिन रात समाजसेवा में सेवाएं प्रदान करने के लिए पीएसएफ का सबसे बड़ा सम्मान मिला- तपन कुमार चंदा, देवी प्रसाद दास एवं दीपक कुमार मित्रा.
विशेष सम्मान- विकास श्रीवास्तव और निलय सेनगुप्ता.
किरणमयी अतिथि देवो भव: सम्मान
रुचि नरेंद्रन- चेयरपर्सन जमशेदपुर ब्लड सेंटर, प्राचार्या डीएवी बिस्टुपुर प्रज्ञा सिंह, समाजसेवी अचिंतम गुप्ता, समाजसेवी देवाशीष नाहा, ब्लड सेंटर के सचिव नलिनी राममूर्ति, सहसचिव रविंद्र दुग्गल, जीएम संजय चौधरी एवं एमटीएमएच के प्रशासक अमिताभ चटर्जी.