प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर.
हम बच्चों का संसार
नटखट बड़ा सलोना,
हम बच्चों का संसार है।
नहीं कभी हो बैर यहाँ,
बड़ा अनोखा प्यार है।।
मिलजुल कर हम रहते,
आपस में लड़ लेते हैं।
बैर – भाव नहीं छुता है,
बस हम तो खुशियां देते हैं।।
कभी लड़ाई कभी पढ़ाई,
कभी मन को मोह लेते हैं।
निराले जग में हम बसते ,
प्रेम नगर में रहते हैं ।।
मिलकर तुम भी रहो प्रेम से,
बात यही सिखाते हैं ।
हम न जाने दम्भ ईर्ष्या,
बस हम तो प्यार जताते हैं।।
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