– ऐसी हिंसा सभ्य समाज के लिए कलंक है, इसके विरुद्ध सामाजिक चेतना और कानूनी जागरूकता दोनों की ज़रूरत है
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में पहलगाम में हाल ही में पर्यटकों की हुई अमानवीय और जघन्य हत्या के विरोध में एक भावभीनी शोक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में कॉलेज के समस्त छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने एकत्र होकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी तथा ऐसी घटनाओं के प्रति गहरा आक्रोश प्रकट किया।
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कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ जितेन्द्र कुमार ने की, जिन्होंने अपने संवेदनात्मक वक्तव्य में इस घटना को न केवल मानवता पर हमला बताया, बल्कि यह भी कहा कि “ऐसी हिंसा सभ्य समाज के लिए कलंक है और इसके विरुद्ध सामाजिक चेतना और कानूनी जागरूकता दोनों की ज़रूरत है।” उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा और छात्रों से अपील की कि वे संवेदनशील नागरिक के रूप में न्याय और मानवाधिकारों के लिए अपनी भूमिका को समझें।
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मंच का संचालन सुव्यवस्थित ढंग से संजीव कुमार बीरउली द्वारा किया गया, जिन्होंने घटना की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से आग्रह किया कि वे कानून के विद्यार्थी होने के नाते अन्याय और हिंसा के विरुद्ध सजग और सक्रिय रहें।
सभा में विद्यार्थियों की ओर से रमेश बस्के ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “यह केवल पहलगाम या कुछ निर्दोष पर्यटकों पर हमला नहीं है, यह हमारे संविधान में निहित बुनियादी मानव अधिकारों पर हमला है। हमें मिलकर ऐसी शक्तियों का विरोध करना होगा जो समाज को बांटती हैं, डर फैलाती हैं और निर्दोषों को निशाना बनाती हैं।” उन्होंने आगे कहा कि लॉ कॉलेज के छात्र होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम न्याय और करुणा के मूल्यों को मजबूत करें।