- वीआर मीडिया एंड प्रोडक्शन के सहयोग से आयोजित कैंपस समर इवेंट कॉम्पिटिशन 2025
- 30 अप्रैल तक आप भी भेज सकते हैं अपनी स्वलिखित कविता और कहानी
वीआर मीडिया एंड प्रोडक्शन के सहयोग से कैंपस बूम लगातार तीसरे वर्ष कैंपस समर इवेंट 2025 का आयोजन कर रहा है. इस प्रतियोगिता का सीधा उद्देश्य है बच्चों के अंदर की रचनात्मक और कलात्मक कला का एक मंच प्रदान करना. इस वर्ष यह तय किया गया है कि बच्चों से प्राप्त जो भी कहानी और कविता प्राप्त होगी, उसे कैंपस बूम के पोर्टल पर स्थान दिया जाएगा. साथ ही घोषणा के अनुसार प्रकाशित होने वाली पुस्तक में भी हर श्रेष्ठ कविताओं को स्थान दिया जाएगा. इस प्रतियोगिता की घोषणा के बाद से विभिन्न स्कूल के बच्चों से उनकी रचनाएं प्राप्त हो रही हैं, और हर दिन उसके प्रकाशन की जानकारी ली जा रही है. आप सभी विद्यार्थियों और प्रतिभागियों की प्रतीक्षा समाप्त हुई, आज से एक एक कर सभी प्राप्त कहानी, कविताओं को पोर्टल पर प्रकाशित किया जा रहा है. आज पढ़िए जमशेदपुर के टेल्को स्थित विद्या भारती चिन्मया विद्यालय के 12वीं कक्षा के विद्यार्थी आदित्य कुमार की यह कविता.
आदित्य कुमार, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय.
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
हर डर को हराया है, उसे ख्वाबों में ढाल के।
अरे यह यात्रा केवल मंज़िल तक नहीं ठहरेगी,
यह तो संघर्ष की गाथा है, सदा अमर रहेगी।
समुद्र के गर्जन में हमने अपना संगीत रचा,
हमने लहरों के थपेड़ों से साहस को सधा।
धरती के गर्भ से हमने सीखा धीरज का पाठ,
और सूरज की किरणों से पाया उष्मा का साथ।
हम न हार मानने वाले, न झुकने वाले हैं,
हम वह पथिक हैं जो अंधेरों में भी उजाला लाए हैं।
प्रलय की लहरों ने हमें खूब ललकारा,
हमने भी साहस का नगाड़ा बजाकर झंकारा ।
आंधियों की गूंज से हम न घबराए,
अपने हौसले से हमने तूफ़ानों को झुकाए।
हमने समय को अपने संग झुकाया है,
हर बाधा को अपनी जिद से हमने हराया है।
स्कूलों ने वसूल लिया मनमाना शुल्क, समिति का पता नहीं, शिक्षा मंत्री का आदेश हवा हवाई
गगन में चीर दिया हमने काले बादलों का कक्ष,
वह चमकती बिजली भी झुकी हमारे धैर्य के समक्ष ।
काली रातें, ठंडी हवाएं, और गरजते तूफ़ान,
हमने तो इनसे गढ़ा है अपने इरादों का जहान।
अरे, हम वह नाविक हैं जिनके पतवार वज्र के हैं,
और हमारे संकल्प हिमालय के शिखर से ऊँचे हैं।
हर बूँद ने कहा, “तू सफल नहीं हो सकता,”
हर दिशा ने कहा, “तेरा मार्ग यही थमता है।”
पर हमने अपनी कर्मभूमि में रचा नव इतिहास,
और दिखा दिया दुनिया को, क्या होता है प्रयास।
हमने तो जलते अंगारों पर नृत्य किया,
हमने काँटों को फूलों का स्पर्श दिया।
सिंधु के तल में सोते रत्नों को हमने जगाया,
हर तूफ़ान को हमने अपना साथी बनाया।
बाधाओं के पर्वतों को हमने चूर-चूर किया,
और कठिनाइयों को अपने हौसले से दूर किया।
हमने अपनी मेहनत से नव स्वर्ग रचा है,
हमने अपने विश्वास से हर स्वर्ण स्वप्न गढ़ा है।
जब झुकीं उम्मीदें, और डगमगाई नाव,
हमने अडिग रहकर थामा दृढ़ता का भाव।
हर टूटती डोर को हमने फिर से जोड़ा,
हर बिखरते स्वप्न को हमने फिर से पिरोया।
हम वह दीप हैं, जो आँधियों में भी जलते हैं,
हम वह फूल हैं, जो वीरानों में खिलते हैं।
हर बूंद हमारे पसीने की बन गई कहानी,
हर चोट हमारे हृदय पर बनी विजयगाथा पुरानी।
हमने अपनी शक्ति से जग को राह दिखाई,
हमने अपनी ध्वजा से सृष्टि को दी नयी गवाही
हमने चट्टानों को मोम सा गलाया है,
हमने इतिहास को अपनी मर्जी से बनाया है।
आओ, अब यह जयघोष करें,
हम हर बाधा से लड़ने को तैयार रहें।
हम वह हैं, जो असंभव को संभव बना देंगे,
हर स्वप्न को हकीकत में हम सजा देंगे।
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
हमने रचा है नव भविष्य, दृढ़ता संभाल के।
नोट: वीआर मीडिया एंड प्रोडक्शन के सहयोग से आयोजित कैंपस समर इवेंट कॉम्पिटिशन 2025 में आप भी हिस्सा ले सकते हैं. अगर आप कक्षा तीसरी से बारहवीं के विद्यार्थी हैं और हिंदी कविता, कहानी लिखते हैं, तो आपके लिए यह सुनहरा अवसर है. आप भी अपनी स्वलिखित कविता कहानी आज ही लिख भेजिए. अधिक जानकारी के लिए इस लिंक Summer Event 2025: क्या आप भी है रचनाकार, तो आपके सपनों को कैंपस करेगा साकार, पुस्तक में छपने का मिलेगा अवसर, लिख भेजिए अपनी कविता-कहानी पर जाकर देखें