– बच्चों के पोषण की स्थिति, किशोरियों के मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन, बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति पर किया शोधकार्य
– गांव व विद्यालय में जारी सामाजिक अभियानों को शोधार्थियों की मिली सराहना। पैड बैंक, साबुन बैंक व पर्यावरण संरक्षण पहल का मिल रहा सकारात्मक परिणाम
– विद्यासागर विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो दीपक कुमार मिद्या के नेतृत्व में 22 सदस्यीय शोध दल का पांच दिवसीय शोध व आउटरीच कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
समाज के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और शोधपरक शिक्षा को बढ़ावा देना अहम है। इसी उद्देश्य से पश्चिम बंगाल के मिदनापुर स्थित विद्यासागर विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग प्रमुख प्रोफेसर दीपक कुमार मिद्या के नेतृत्व में पांच दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम घाटशिला में आयोजित किया गया।
इस दौरान 12 अप्रैल से 16 अप्रैल तक “शोध से लोगों तक” विषयक गतिविधियां तीन चरणों में आयोजित की गई। विभाग के वरीय रिसर्च स्कॉलर मौसमी गांगुली के साथ छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों ने तीन प्रमुख क्षेत्रों पर जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया। इस दौरान शोधार्थियों ने स्कूल जाने वाले बच्चों की पोषण स्थिति, किशोरियों के मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन और गांव के बुजुर्गों की मानसिक स्वास्थ्य स्थिति पर अध्ययन किया।
विद्यार्थियों का शोध घाटशिला स्थित धातकीडीह गांव व उत्क्रमित मध्य विद्यालय धातकीडीह में फील्डवर्क के माध्यम से प्राप्त जानकारियों व शोध निष्कर्षों पर आधारित है। शोध दल उमवि धातकीडीह के प्रधानाध्यापक साजिद अहमद व सहयोगी शिक्षकों के अद्भुत नेतृत्व व सामाजिक संगठनों के सामाजिक भागीदारी से स्कूल में चल रहे कई अभिनव कार्यों से प्रेरित एवं प्रभावित हुए।
इस दौरान शोधकर्ताओं के टीम ने विद्यालय में संचालित “पैड बैंक” और “साबुन बैंक” से बच्चों के पठन पाठन पर सकारात्मक प्रभाव को भी समझा। उन्होंने सैनिटरी पैड्स और साबुन भी विद्यालय को दान किए। वही स्कूल के बाल संसद को कुछ शिक्षण सहायक सामग्रियां भी प्रदान की। शोधकर्ताओं ने विद्यालय परिसर में एक आम का पेड़ भी लगाया।
विवेक विद्यालय में विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर बच्चों द्वारा चित्र वर्णन की प्रस्तुति
कार्यक्रम के अंतिम दिन धातकीडीह गांव में चौपाल लगाकर सैकड़ों बच्चों एवं बुजुर्गों की प्राथमिक स्वास्थ्य जाँच कर कई तरह स्वास्थ्य सुझाव दिए गए। पांच दिवसीय पहल ने समुदाय-उन्मुख अनुसंधान और सामाजिक विकास के लिए ज्ञान के प्रसार के प्रति शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिबद्धता को उजागर किया। मौके पर विद्यालय के शिक्षकों के साथ सैकड़ों ग्रामीण, बच्चे, बुजुर्ग, ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद एवं महिलाओं के साथ शोधकर्ताओं का दल उपस्थित थे।