– राज्यभर के विवि में कार्यरत है घंटी आधारित (संविदा) 700 शिक्षक
– विधानसभा में सवाल रखने के लिए शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल विधायक प्रदीप यादव को करेगा सम्मानित
जमशेदपुर.
झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार पाण्डेय ने एक बयान जारी कर आवश्यकता आधारित शिक्षकों के समायोजन संबंधी प्रश्न को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाने के लिए झारखंड के पूर्व शिक्षामंत्री वर्तमान कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव के प्रति आभार व्यक्त किया है।
11 मार्च को प्रश्नकाल में प्रदीप यादव ने विधानसभा में कहा कि झारखंड राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग 700 आवश्यकता आधारित शिक्षक पिछले आठ वर्षों से कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति भी यूजीसी नियुक्ति नियमावली के तहत झारखंड सरकार के रोस्टर पालन करते हुए किया गया है, तो उन्हें समायोजित करने में क्या दिक्कत है जबकि इसमें 90% लोग स्थानीय हैं।
मेरे गीत वहीं तुम जाना, जा उनको गले लगाना, जहां मां की ममता बिछड़ी हो……
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा महोदय हम सदस्य की भावनाओं से सहमत हैं लेकिन समायोजन नीतिगत मामला है अगर किसी एक को करेंगे तो विभिन्न विभागों में कार्यरत लोगों पर भी इसका असर होगा। प्रदीप यादव ने पुरक प्रश्न करते हुए कहा कि इससे पहले भी सरकार नर्सिंग वालों को समायोजित की है तो फिर उनको क्यों नहीं जबकि एक लोग आठ वर्षों के अनुभवी और समान योग्यता वाले हैं।
इस पर मंत्री ने कहा कि हम उनके अनुभव को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और जो सरकार जेपीएससी को बहाली करने के लिए अधियाचन भेजी है उसमें इन्हें वरीयता अंक प्रदान करेंगे।
प्रदीप यादव ने पुनः पूछा की सरकार जब अधियाचन भेज चुकी है तो फिर इनकी वरीयता का उसमें चर्चा नहीं है तो बाद में वरीयता संबंधित बातों को जोड़ने पर कोई न्यायालय चला जाएगा और मामला फिर अटक जाएगा। दूसरी बात इनमें से बहुत शिक्षक ऐसे हैं जिनकी आयु बहाली के समय आवेदन योग्य नहीं रह जाएगी तो उनका क्या होगा? आखिर सरकार को समायोजन करने में क्या परेशानी है। उन्होंने राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, अरुणाचल प्रदेश आदि जगहों पर ऐसे सेवा वालों के समायोजन करने का नोटिफिकेशन की भी बात की।
इसपर मंत्री ने कहा कि जेपीएससी जब-तक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करती है तब-तब उसमें संशोधन करने का अधिकार सरकार को है। हम प्रयास करेंगे की लगभग 700 आवश्यकता आधारित शिक्षकों को वरीयता अंक देने की बात अधियाचन में शामिल करा दें। साथ ही वैसे आवश्यकता आधारित शिक्षक जिनकी आयु आवेदन लायक नहीं रहेगी उनके लिए भी आयुसीमा में छूट का प्रावधान शामिल किया जाएगा।
प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार जब 75% बात मानने को तैयार हैं तो 25% पर क्यों अड़ी है इन्हें समायोजित करने पर विचार करना चाहिए ये शिक्षक योग्य और अनुभवी दोनों हैं तथा स्वीकृत पद पर कार्यरत हैं।
इसके जबाब में मंत्री ने कहा कि हम सदस्य के भावनाओं से सहमत हैं लेकिन नीतिगत मामलों में जो सरकार इनके लिए फिलहाल कर सकती है वह सदन को हमने बता दिया है।
राकेश पाण्डेय ने आवश्यकता आधारित शिक्षकों के मामले को जोरदार और तर्क तथा तथ्य पूर्ण रूप से विधानसभा में उठाने के लिए संघ की तरफ से आभार व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल विधायक प्रदीप यादव से मिलकर उन्हें इसके लिए सम्मानित भी करेगा।